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बिहार के छात्र का कमाल, बनाया बैटरी चालित इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव ट्रेन इंजन, जानें इसकी खासियत

देश में आने वाला समय ग्रीन एनर्जी का है, और इसलिए इंडियन रेलवे इस दिशा में हर दिन अपने कदम बढ़ा रही है। आने वाले वक्त में रेलवे इंजन का परिचालन बिजली के विकल्प में बैटरी बेस्ड से संभव हो पाएगा। सरकार के साथ हमारे देश के युवा कदम से कदम मिलाकर इस अभियान में बड़े-बड़े कारनामे करके दिखा रहे हैं। ऐसा ही किया है बिहार के औरंगाबाद के अंकित गुप्ता ने, जिन्होंने बैटरी चालित एक इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव ट्रेन का इंजन बनाया है।

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यह इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव ट्रेन इंजन बिहार के औरंगाबाद के छात्र अंकित गुप्ता ने बनाया है। यह प्लास्टिक और अन्य सामाग्रियों के उपयोग से बनाया गया है, जो अपने आप में अविश्वसनीय है। यह इंजन वास्तव में असली इंजन का छोटा फॉर्मेट है। इसे शताब्दी एक्सप्रेस स्वरूप देने की कोशिश की गई है। 1.60 किमी प्रति घंटा चलने की कैपिसिटी हैं इस इंजन में बैटरी चालित इंजन के और भी कई लाभ हो सकते हैं कि ऊर्जा की कम खपत, और नहीं के बराबर ध्वनि प्रदुषण हो। इसके साथ ही ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन कम होगा।

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औरंगाबाद के अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन को आधुनिक और तकनीकी तौर पर विकास के लिए रेल मंडल के डीआरएम राजेश कुमार पांडे को औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह के विशेष निवेदन पर मुआयना के लिए बुलाया गया था। उसी दौरान अंकित ने नव निर्मित इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव इंजन लेकर डायरेक्ट रेलवे स्टेशन पहुंचे फिर भेट स्वरूप डीआरएम राजेश कुमार पांडेय को प्रदान किया। अंकित की अद्भुत प्रतिभा और मेहनत को देख वहां मौजूद सभी ने काफी तारीफ। उन्होंने किशोर को भविष्य में और शानदार करने की शुभकामनाएं देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की।

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बता दें कि देश के युवाओं में टैलेंट की कमी नहीं है। यहां के हुआ काफी प्रतिभाशाली है। युवाओं के लिए खेलकूद और शिक्षा के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिए अपार संभावनाएं हैं। छात्रों को हमेशा यह प्रश्न खुद से पूछना चाहिए कि वह अपने करियर में किया और क्यों बनना चाहते हैं? जीवन की किसी भी परीक्षा में पास होने के लिए कड़ी मेहनत, जुनून और ईमानदारी की जरूरत होती है। पिछले कुछ सालों से युवा हर सेक्टर में एक से बढ़कर एक प्रतिभा दिखा रहे हैं, लेकिन प्रतिभा में निखार लाने के लिए थोड़ा मेहनत और धैर्य की जरूरत है।

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