ठंड बढ़ने के साथ ही प्रदेश में प्रदूषण का स्तर भी बहुत तेजी से बढ़ा है. शनिवार को लगातार दूसरे दिन प्रदेश के अधिकतर शहरों की हवा बेहद खराब रही. देश के सर्वाधिक प्रदूषित 16 शहरों में 14 बिहार के रहे. तीन शहरों मोतिहारी, सिवान और दरभंगा में प्रदूषण स्तर 400 एकयूआइ के खतरनाक स्तर को पार कर गया और यह स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदेह हो गयी.
पटना का एक्यूआइ भी 280 से बढ़ कर 306 पर पहुंचा
पटना का एक्यूआइ भी 280 से बढ़ कर 306 पर पहुंच गया और यहां की हवा भी खराब से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गयी. मुजफ्फरपुर (255 एक्यूआइ) और गया (206 एक्यूआइ) की हवा तुलनात्मक रूप में कम खराब रही. बिहार के बाहर केवल दिल्ली (303 एक्यूआइ) और ग्वालियर (307 एक्यूआइ) का एक्यूआइ 300 के पार रहा.
प्रदूषित शहर
शहर एक्यूआइ
- मोतिहारी 419
- सीवान 417
- दरभंगा 404
- बेगूसराय 370
- बेतिया 394
- छपरा 368
- पटना 306
- पूर्णिया 379
- मुजफ्फरपुर 255
- गया 206
स्वास्थ्य पर हो रहा है खतरनाक असर
बिहार में वायु प्रदूषण की इस खराब हालत की सबसे बड़ी वजह ठंढ के कारण बढ़ते धुंध बतायी जा रही है. बिहार सरकार ने पराली जलाने को लेकर सख्त निर्देश जारी किये हैं, लेकिन उत्तर बिहार में पराली जलाने की बहुत परंपरा नहीं है. ऐसे में इन इलाके में वायु प्रदूषण की मुख्य वजह वाहनों की भीड़ को बताया जा रहा है. बिहार में वायु प्रदूषण की खराब होती स्थिति लोगों के स्वास्थ्य पर खतरनाक असर कर रहा है.
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सबसे पहले आंख होती है प्रभावित
डॉक्टरों का कहना है कि वायु प्रदूषण के जो हालात होते जा रहे हैं उससे शरीर के कई अंग प्रभावित होते हैं. सबसे पहले आंख प्रभावित होती है. आंखों में जलन शुरू हो जाती है. त्वचा में इचिंग जैसी समस्या हो सकती है. प्रदूषण ज्यादा होने से सबसे ज्यादा लंग्स प्रभावित होता है, वहीं हर्ट अटैक की समस्या भी उत्पन्न होती है. लोगों के प्रजनन क्षमता पर भी ये असर करता है.
लोग मास्क का प्रयोग जरूर करें
डॉक्टरों का कहना है कि लोग घर से बाहर जब भी निकलें तो कोशिश करें की फुल बांह की कमीज पहनकर निकलें. मास्क का इस्तेमाल सिर्फ कोरोना के लिए नहीं बल्कि वायु प्रदूषण से बचने के लिए भी करें. फल, सब्जियां, मीट-मछली खाते हैं तो अच्छी तरह से धोकर ही खाना चाहिए. गाड़ी के धुआं से जितना बच सके लोगों को बचना चाहिए.