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बिहारी स्टूडेंट का कमाल, ढूंढ निकाली Google की गलती और रातोंरात बना लखपति, जाने पूरा मामला

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आज जब पूरी दुनिया अपने हर सवाल के सही जवाब के लिए गूगल (Google) पर निर्भर हैं। ऐसे में बिहार के एक छात्र ने इसी गूगल में बड़ी गलती खोज निकाली है। बिहार के बेगूसराय के छात्र ने इसकी जानकारी सर्च इंजन गूगल (Search Engine Google) को भेजी तो कंपनी ने भी स्वीकार किया कि उसकी साइट में बड़ी गलती हुई है। बताया जा रहा है कि साइट की इस चूक का फायदा ब्लैक हैट हैकर उठा सकते थे। गूगल ने छात्र को सम्मानित किया है। गूगल ने छात्र का नाम अपने रिसर्चर की सूची में डालते हुए उसे गूगल हाल ऑफ फेम अवार्ड से नवाजा है।

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गूगल की साइट में गलती खोजने वाले छात्र का नाम ऋतुराज चौधरी है, जो कि आईआईटी मणिपुर में बीटेक सेकेंड ईयर में पढ़ाई करते हैं। बीटेक में पढ़ाई केअलावा ऋतुराज साइबर सिक्योरिटी विषय पर अलग से शोध कर रहे हैं। ऋतुराज को 31 हजार डालर से अधिक का इनाम मिलेगा। उसकी बग हंटिंग फिलहाल पी-2 के फेज में है। जैसे ही वह पी-0 पर पहुंचेगा, उसे इनाम की राशि मिल जाएगी। इस होनहार छात्र के माता-पिता का नाम राकेश कुमार चौधरी और सुनीता जायसवाल हैं। ऋतुराज के पिता एक आभूषण व्यवसायी हैं। बेटे की इस प्रतिभा से परिजन काफी प्रसन्न हैं।

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गूगल में बड़ी गलती खोज निकाली

क्या है बग हंटिंग?

साइबर सिक्योरिटी को लेकर इंटरनेट के माध्यम से चलने वाले तमाम कार्यों, साइट्स, एप्स आदि की सुरक्षा में अक्सर ब्लैक हैट हैकर्स सेंधमारी करते हैं। कई बार बड़ी कंपनियों का डेटा चुराकर उसे पब्लिक कर देते हैं। ऐसे में सभी कंपनियां एथिकल हैकर को अपनी साइट में बग हंटिंग के लिए आमंत्रित करती है। इसके बाद जो भी हैकर उनकी साइट में गलती खोजता है, उसे लाखों रुपये का अवॉर्ड दिया जाता है।

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पी-5 से पी-0 है बग हंटिंग का पैमाना

बताते चलें कि बग हंटर को पी-5 से अपनी पारी शुरू करनी होती है। मतलब हैकर ने कितनी गंभीर समस्या ढूंढी है। पी-5 पहला स्टेज होता है, मतलब ढूंढी गई गलती तो है, मगर उससे खतरा अधिक नहीं है। पी-2 मतलब गलती अहम है और उसकी सुधार के लिए टीम लगा दी गई है। सुधार के पश्चात उसे पी-1 और फिर पी-0 मिलता है।

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साइबर सिक्योरिटी में खास दिलचस्पी

ऋतुराज के मुताबिक, गूगल सबसे बड़ा सर्च इंजन है, परंतु उसके साइट पर ब्लैक हैट हैकर्स एक रास्ते से हमला कर सकते थे। उसे उन्होंने ढ़ूंढ कर गूगल को इसकी रिपोर्ट की थी। इसके बाद कंपनी उसमें सुधार कर रही है। इसका ब्योरा अभी सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। ऋतुराज को बचपन से ही साइबर सिक्योरिटी में खास दिलचस्पी थी।

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Abhishek Anand

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