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घर चलाने के लिए मां के साथ की सिलाई, फिर सेल्फ स्टडी के बूते बिहार टॉपर बन गई मनीषा

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कहते हैं मन में कुछ करने की लगन हो तो कोई भी ऊंचाई छोटी पड़ जाती है, ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बेगूसराय (Begusarai) जिले के सदर अनुमंडल क्षेत्र की रहने वाली मनीषा ने जिसने 481 अंक प्राप्त कर पूरे राज्य में मैट्रिक (Bihar Matric Result 2021) के नतीजों में चौथा स्थान हासिल कर अपने गांव एवं जिले का मान बढ़ाया है. शानदार अंक पाने वाली मनीषा अब आगे की पढाई पूरी करने के बाद आईएएस (IAS) अफसर बनकर राष्ट्र की सेवा करने का सपना भी देख रही है.

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पिता हैं किसान

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मामूली परिवार से ताल्लुक रखने वाली मनीषा पढ़ाई और मां के काम में मदद साथ-साथ करती थी. सदर प्रखंड के राजौरा हाई स्कूल की छात्रा मनीषा कुमारी ने परीक्षा से पहले खूब मेहनत से पढ़ाई की और मैट्रिक की परीक्षा में 481 अंक प्राप्त कर चतुर्थ स्थान प्राप्त किया. मनीषा कुमारी के पिता विनोद राय पेशे से किसान हैं साथ ही साथ मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं लेकिन सरकार द्वारा बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ संकल्प को भी उन्होंने अपना संकल्प बनाया और अपनी पुत्री मनीषा की शिक्षा दीक्षा में कोई कमी नहीं रखी. आज इसी का परिणाम है कि मनीषा ने चतुर्थ स्थान हासिल कर गांव विद्यालय और जिले का नाम रोशन किया है.

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मां के साथ सिलाई कढ़ाई में भी बटाती है हाथ

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मनीषा कुमारी अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपनी मां के साथ सिलाई कढ़ाई में भी हाथ बटाती है. दरअसल मनीषा कुमारी की मां अनुपम देवी अपने परिवार की माली हालत को देखते हुए घर में ही सिलाई कढ़ाई का भी काम करती है तथा आर्थिक संकट दूर करने में अपने पति का हाथ बटाती है. मां की परेशानियों को देखते हुए मनीषा कुमारी ने शुरू से ही पढ़ाई के साथ-साथ मां के काम में भी हाथ बटाया और अपने परिवार की आर्थिक उन्नति के लिए मेहनत करती रही है.

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घर में रहकर की तैयारी

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मनीषा की मां अनुपम देवी बताती हैं कि मनीषा शुरू से ही पढ़ाई लिखाई में अव्वल रही है और शांत स्वभाव की होने की वजह से परिवार एवं गांव के लोगों की भी लाडली रही है. इस कोरोना काल के दौरान जब स्कूल और कोचिंग संस्थान बंद हो गए थे तब मनीषा कुमारी ने घर में ही रह कर परीक्षा की तैयारी की. पूरी लगन से की गई तैयारी का ही परिणाम है कि आज मनीषा को यह मुकाम हासिल हुआ. अब मनीषा आगे चलकर आईएएस अफसर बनकर देश की सेवा करने की इच्छा रखती है.

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Swaraj Shrivastava

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Published by
Swaraj Shrivastava
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