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Assam floods: अस्पताल के अंदर पानी ही पानी, कैंसर पेशेंट को बीच सड़क पर दी गई ‘कीमोथेरेपी’

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असम में बाढ़ के कारण अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि राज्य भर में 22 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं. इस सबके बीच राज्य के एक बाढ़ग्रस्त कैंसर अस्पताल की एक दयनीय तस्वीर सामने आई है. इस तस्वीर में एक कैंसर अस्पताल के कर्मचारियों को बीच सड़क पर मरीजों को कीमोथेरेपी देते हुए देखा जा सकता है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य में बराक घाटी में स्थित 150-बेड वाला कछार कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र कई दिनों से पानी में डूबा हुआ है. हालात इतने भयावह हैं कि अस्पताल प्रशासन ने अपने मरीजों और कर्मचारियों के लिए लाइफ-जैकेट और हवा वाली रबर नौका की मांग की है. ताकि मरीजों का इलाज जारी रखा जा सके. प्रशासन के मुताबिक ‘कीमोथैरेपी’ जैसी प्रक्रियाएं सड़कों पर की जा सकती हैं.

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अस्पताल प्रशासकों ने रॉयटर्स से कहा, “अगर किसी को इमरजेंसी सर्जरी की आवश्यकता होती है तो हम उनका ऑपरेशन कर रहे हैं, लेकिन हमने एनेस्थीसिया के लिए आवश्यक नाइट्रस गैस की कमी के कारण सर्जरी की कुल संख्या को कम कर दिया है. डॉक्टरों ने पिछले सप्ताह में लगभग चार ऑपरेशन किए थे जबकि बाढ़ की स्थिति खराब होने से पहले 20 ऑपरेशन किए गए थे.

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@palliumindia

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कछार के उपायुक्त कीर्ति जल्ली के अनुसार, UNICEF, OXFAM और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सिलचर और उसके आसपास के जिलों में जरूरतमंद लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नाव पर जल उपचार उपकरण का संचालन शुरू कर दिया है. जबकि, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), और अन्य एजेंसियां ​​बचाव और राहत कार्यों में लगी हुई हैं.

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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रॉयटर्स को बताया कि असम की ताकतवर ब्रह्मपुत्र नदी के पास स्थित कई अन्य क्षेत्रों में बाढ़ का पानी कम होना शुरू हो गया है. जल्द ही स्थिति पर काबू पा लिया जाएगा.

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Abhishek Anand

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