इसके अलावा106 क्रोडवकी लागत से कॉमन इफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। इसके बाद उद्योगपतियों और उद्योग से जुड़ी समस्याओं से निपटने के बाद क्षेत्र की बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों को शुरू कराने की दिशा में भी बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (वियाडा) पहल करेगा। हाजीपुर में फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी को ट्रीटमेंट करके नदियों तक पहुंचाने की दिशा में पहल की जाएगी। इस कार्य को लेकर 106 करोड़ रुपए खर्च होने हैं।
सीईटीपी (कॉमन इफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट) के लिए टेंडर निकाला गया है। इससे पहले सड़कों को दुरुस्त करने में दो करोड़ और ड्रेनेज को पूरा करे का काम दो फेज में पूरा किया जाएगा। इस पर उन्होंने लगभग 45 करोड़ रुपए खर्च होने की बात बताई। उन्होंने बताया कि सौंदर्यीकरण का काम तीसरे चरण में होगा। इसी दौरान पुनः एक बार टेंडर निकालकर पूरी तरह सड़कों को ठीक किया जाएगा। दूसरी ओर इस संबंध में हाजीपुर के भाजपा विधायक अवधेश सिंह ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए जलजमाव से छुटकारा सबसे बड़ा मुद्दा रहा है। यदि इससे निजात मिल गई तो औद्योगिक क्षेत्र का कायाकल्प हो जाएगा।
हाजीपुर विधायक ने बताया कि सोमवार को इससे संबंधित एक पत्र सीएम नीतीश कुमार को दिया गया है। इसमें नहर को दुरुस्त कर औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाले पानी को नदी तक पहुंचाने के लिए नहर की उड़ाही करवाने की योजना पर काम करने की योजना पर विचार हो रहा है।
पत्र के जरिए बताया गया है कि चांदी से जो नहर आती है वह हाजीपुर होते हुए बिलट चौक तक जाती है। उसकी सफाई और बंधे का मजबूतीकरण के लिए मुख्यमंत्री को पत्र दिया गया। उन्होंने बताया कि फिलहार पहले चरण में जलनिकासी के लिए ड्रेन को दुरुस्त किया जा रहा है और सड़क की मरम्मत हो रही है। NH किनारे भूमिगत पाइप लाइन भी बिछेगी।
विधायक ने बताया कि पिछले दिनों जिलाधिकारी उदिता सिंह के साथ बैठक में नमामि गंगा के तहत सिवरेज का काम करने वाली संस्था को उन्होंने निर्देश दिया है। इसके अंतर्गत एक भूमिगत पाइप लाइन नदी तक लाई जाएगी। ताकि हाइ-वे के बगल से पासवान चौक के पास पंपिंग करके जलजमाव के पानी को सीधे जढ़ुआ होते हुए नदी की धारा में छोड़ा जा सके। हालांकि इस परियोजना के सफल होने से हाजीपुर और औद्योगिक क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
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