Sponsored
Breaking News

ये कोई विदेशी यूनिवर्सिटी नहीं, बिहार का सरकारी स्कूल है जनाब, सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल

Sponsored

आमतौर पर सरकारी स्‍कूल का नाम लेते ही खंडहरनुमा और सुविधाविहीन भवन की छवि सामने आती है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे स्‍कूल की कहानी तस्‍वीरों के जरिये बताने जा रहे हैं, जो खूबसूरती और सुविधाओं के मामले में अच्‍छे-अच्‍छे कॉलेजों को मात देता है। यह रोहतास के नक्‍सल प्रभावित तिलौथू में स्थित है।

सरकारी स्‍कूल की बात आती है, तो आमतौर पर सबके जेहन में खंडहरनुमा टूटे-फूटे जर्जर भवन की छवि सामने आती है। रोहतास जिला के नक्‍सल प्रभावित क्षेत्र में एक ऐसा स्‍कूल है जो खूबसूरती और सुविधाओं में स्‍कूलों के साथ ही कॉलेज कैंपस को भी मात देता है।

Sponsored

स्‍कूल के कैंपस में प्रवेश करते ही आपको ऐसा लगेगा जैसे किसी विश्वविद्यालय या फिर किसी बड़े प्राइवेट स्‍कूल के परिसर में प्रवेश कर रहे हों।

Sponsored
रोहतास के सुदूरवर्ती तिलौथू प्रखंड में स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय

संस्कृत का शिक्षक न होने के बावजूद यहां के बच्चे गीता, उपनिषद तथा वेदों का अध्ययन करते हैं। यह स्‍कूल रोहतास के तिलौथू में स्थित है।

Sponsored

विद्यालय का सुंदर कैंपस लोगों को अपनी ओर करता है आकर्षित

रोहतास के सुदूरवर्ती तिलौथू प्रखंड में स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का सुंदर कैंपस लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। कतारबद्ध सुंदर-सुंदर पेड़ और क्यारियों में लगे फूल के पौधे स्‍कूल की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं।

Sponsored
स्‍कूल की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं कतारबद्ध सुंदर-सुंदर पेड़ और क्यारियों में लगे फूल के पौधे

सन 1932 में स्थापित यह विद्यालय 90 साल का हो चुका है, लेकिन आज भी इसके किलानुमा भवन इसकी खासियत है। जानकार बताते हैं कि कभी इस भवन में अंग्रेजों की कचहरी लगती थी। कैमूर पहाड़ी के तलहटी में नक्सल प्रभावित इलाके का यह विद्यालय अपने आप में अनूठा है।

Sponsored
सन 1932 में स्थापित यह विद्यालय 90 साल का

विद्यालय में ढाई हजार से अधिक बच्चे

शिक्षा की बात करें तो इस उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में ढाई हजार से अधिक बच्चे हैं। खास बात यह है कि यहां वेद, उपनिषद तथा गीता की भी पढ़ाई होती है।

Sponsored
नक्‍सल प्रभावित क्षेत्र के इस स्कूल में ढाई हजार से अधिक बच्चे पढ़ते है

स्‍कूल में सरकार द्वारा जब संस्कृत शिक्षक की बहाली नहीं की गई, तो स्कूल प्रबंधन ने निजी स्तर पर विद्यालय में संस्कृत के लिए एक टीचर रखा। यह शिक्षक बच्चों को वैदिक ज्ञान देते हैं।

Sponsored

स्‍कूल में कई शिक्षक सेवानिवृत्त, फिर भी लेते है कक्षा

इस स्‍कूल में कई शिक्षक ऐसे हैं जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसके बावजूद वे प्रत्येक दिन बच्चों की कक्षा लेते हैं। यह शिक्षकों का समर्पण भाव है कि इस विद्यालय के बच्चे जिला में लगातार अव्‍वल रहते हैं।

Sponsored
नक्सल प्रभावित इलाके में होने के बावजूद यह स्‍कूल पूरी तरह से व्‍यवस्थित

स्‍कूल के प्राचार्य मैकू राम कहते हैं कि ऐसा सबके सहयोग से ही संभव है। आने वाले कुछ महीनों में इस विद्यालय का अपना स्विमिंग पूल होगा, जहां बच्चे तैराकी सीखेंगे। जिला मुख्यालय से दूर नक्सल प्रभावित इलाके में होने के बावजूद यह स्‍कूल पूरी तरह से व्‍यवस्थित है।

Sponsored
Sponsored
Abhishek Anand

Leave a Comment
Sponsored
  • Recent Posts

    Sponsored