Patna : प्रदेश में अब सरसों में किसी दूसरे तेल की मिलावट नहीं हो सकेगी। यही नहीं आमजन भी शुद्धता की परख कर सकें इसलिए पैकिंग पर कंपनियों को तेल की बाबत पूरी जानकारी देनी होगी। यदि उसमें सरसों के अलावा किसी अन्य तेल की मिलावट की गई होगी तो आप खाद्य संरक्षा विभाग में शिकायत कर दुकानदार से लेकर कंपनी तक पर कार्रवाई करा सकते हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने 8 जून को इस बाबत निर्देश जारी किए थे। इसके आलोक में गत दो दिन में अभिहित पदाधिकारी ने सरसों तेल के 12 डीलरों के गोदाम में छापेमारी की।
इस क्रम में उन्होंने दो डीलर को तेल कंपनी को वापस करने का निर्देश दिया है। इन दोनों तेलों की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है। इन डीलरों के तेल में 70 फीसद सरसों और 30 फीसद अन्य खाद्य तेल मिलाए गए थे। गुरुवार को भी पटना में बड़े पैमाने पर छापेमारी कर नकली तेज नष्ट किए गए।
खाद्य संरक्षा विभाग के अभिहित पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि सरसों के तेल में अब तक कंपनी वाले ब्लेंडिंग के नाम पर दूसरे खाद्य तेल मिलाते थे। धीरे-धीरे अन्य खाद्य तेलों की मात्रा बढ़ती गई और सरसों को तेल कम होता चला गया। नए आदेश के अनुसार अब सरसों के तेल में ब्लेंडिंग को प्रतिबंधित कर दिया गया है। अब कंपनियां सौ फीसद शुद्ध सरसों का तेल ही बेच पाएंगी। यही नहीं कंपनियों को अनिवार्य रूप से हर पैकिंग पर शुद्धता का विवरण देना होगा। उन्होंने बताया कि पटना में सरसों का तेल अन्य राज्यों से मंगाकर यहां पैकिंग कर बेचा जाता है। ऐसे में ब्लेंडेड सरसों का तेल बेचने वाले डीलर को पूरा माल वापस करने को कहा गया है।
अभिहित पदाधिकारी ने बताया कि आमजन सरसों के तेल के लिए पैसे देते हैं। उन्हें पता ही नहीं होता कि जिसे वे सरसों का तेल समझ रहे हैं उसमें 50 फीसद तक अन्य खाद्य तेल मिले हुए हैं। ऐसे में वे नाक में डालने के साथ उनका अन्य औषधीय कार्यों में धड़ल्ले से इस्तेमाल करते हैं। कंपनियां अन्य तेलों की मिलावट की जानकारी पैकिंग पर नहीं देतीं इसलिए उन्हें इसकी जानकारी भी नहीं होती है। नए निर्देश के तहत अब सौ फीसद तेल की बिक्री सुनिश्चित कराई जाएगी। इससे सरसों की मांग बढ़ेगी तो किसान उपज क्षेत्र बढ़ाएंगे। इससे सरसों के तेल के दाम में भी कमी होगी। बताते चलें कि अन्य खाद्य तेल दूसरे देशों से आयात किए जाते हैं।
input – daily bihar
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