बिहार के पश्चिम चंपारण में द्वापर युग की तरह कलयुग में भी एक यशोदा मां है। इस माँ ने सड़क पर आश्रय ढूंढ रहे अजय नाम के एक बच्चे को ममता की छांव दी और 14 सालों तक बच्चे को पाल-पोसकर बड़ा किया।
कुंती को जब अजय मिला तो उसकी याददाश्त जा चुकी थी। कुंती ने बच्चे के बचपन से लेकर युवा होने तक सभी जरूरतों को पूरा करते हुए उसकी शादी भी कराई।
अजय के मिलने के बाद महिला के 3 बच्चे और हुए लेकिन उसने अजय के प्यार में कोई कमी नहीं होने दी। लेकिन 3 महीने पहले अजय अचानक अपने परिवार और बच्चों को छोड़कर कहीं चला गया…
थोड़े दिनों बाद अजय ने कुंती को फोन किया और बताया कि घबराने की कोई बात नहीं है। उसकी याददाश्त वापस आ गई है। और अब वो अपने असली मां-बाप के पास है।
कुछ दिनों बाद अजय अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर वापस चला गया। लेकिन तब से लेकर आज तक कुंती अपने बेटे अजय का इंतजार कर रही है।
इस समय अजय की उम्र 26 साल है कुंती सहित पूरा परिवार आज भी अजय की राह देख रहा है। यह कहानी पश्चिम चंपारण जिला के धनहा थाना स्थित दौनाहां गांव की है।
इस गांव के रहने वाले रामसनेही गोंड की शादी लगभग 18 वर्ष पहले कुंती से हुई थी। जिस समय शादी हुई थी उस समय रामसनेही गोंड हरियाणा के सोनीपत में ट्रक चलाने का काम करते थे।
शादी के कुछ दिन बाद रामसनेही अपने पत्नी कुंती को भी अपने साथ सोनीपत लेते गए। लगभग 14 वर्ष पहले सड़क पर एक बच्चा घूमते हुए दिखाई दिया।
जिसे रामसनेही अपने साथ लाए और कुंती के पास रख दिए। बच्चा अपना नाम सिर्फ अजय बताया। ना तो उसने अपना पता बताया और ना ही अपने घर वालों के नाम ही।
इसके बाद कुंती ने इस बच्चे को अपना लिया और लालन-पालन करने लगी। पति पूरे दिन ट्रक चलाते थे। जिसके वजह से कुंती को अकेलापन सता रहा था।
अजय के आने के साथ ही कुंती के जीवन का अकेलापन दूर होने लगा तो वही अजय को ममता की छांव मिल गई।
कुंती के पास अजय के आने के लगभग 2 साल बाद कुंती के 3 बच्चे हुए। लोग बताते हैं कि कुंती मां बनने के बाद भी अजय से थोड़ा भी प्रेम कम नहीं हुआ।
अजय को पुत्र के समान ही प्यार और दुलार करती थी। आज भी अजय को अपने बच्चों से कम स्नेह नहीं देती है।
अभी अजय की उम्र 26 से 27 वर्ष बताई जा रही है। कुछ साल पहले कुंती ने अजय की शादी अपने ही संबंध में एक लड़की से करा दिया।
अजय के 3 बच्चे भी हो गए। जिस रूम में अजय रहता था वह रूम आज भी उसी तरह से है जैसे अजय छोड़ कर गया था। कुंती ने उसके सभी सामानों को संजो कर रखा है। कुंती और उसके घर वाले मानते हैं कि इस कमरे में अजय की यादें जुड़ी हुई हैं।
कुंती बताती है कि तीन वहां पूर्व अजय अचानक अपने परिवार और बच्चों को छोड़कर कहीं चला गया। सबको अजय की चिंता सताने लगी। लेकिन दो-तीन दिन बाद अजय का फोन आया।
उसने बताया कि मैं ठीक हूं अपने मां बाप को ढूंढने के लिए आया हूं। अजय ने बताया था कि अचानक ही सोए उसकी याददाश्त लौट आई थी।
उसके गांव का नाम थाना का नाम और मां पिता का नाम याद आने लगा। इस घटना के कुछ ही दिनों बाद अजय कुंती के पास लौटा और फिर अपने पत्नी और बच्चे को लेकर नवादा चला गया।
इधर, कुंती को अजय की याद अभी सताती है। हालांकि रोज फोन पर एक बार बात हो जाता है। इसके बावजूद अजय को देखने के लिए आंखें बेचैन है।
फिलहाल कुंती के यहां शादी है उसमें अजय आने के लिए बोला है जिसका बेसब्री से कुंती को इंतजार है।
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