Sponsored
Breaking News

बिहार के खगड़िया में पेड़े का कारोबार सालाना 30 करोड़ पार, नीतीश और लालू भी है इसके दीवाने

Sponsored

खगड़िया जिले में पेड़े का करीब सालाना 30 करोड़ का कारोबार है। यह जगह 1980 से पेड़ा कारोबार का केंद्र रहा है। नीतीश और लालू भी इस पेड़े के दीवाने हैं।

बिहार के खगड़िया जिले को यहां के पेड़े के स्वाद से लोग जानते हैं। यहां के करुआ मोड़ का पेड़ा एक बार खा लेंगे तो दोबारा यहां जरूर आएंगे। खगड़िया जिले में पेड़े का करीब सालाना 30 करोड़ का कारोबार है।

Sponsored

यहां का पेड़ा झारखंड, पं. बंगाल, असम, दिल्ली समेत कई राज्यों में सप्लाई किया जाता है। नेपाल में भी इसकी काफी मांग है। सबसे खास बात यह है कि यहां शूगर फ्री पेड़ा भी मिलता है। नीतीश और लालू भी इस पेड़े के दीवाने हैं।

Sponsored
देश विदेश में पेड़े की धूम

खगड़िया शहर के आवासबोर्ड, कैथी, पटेल नगर, सोनवर्षा घाट,मानसी, मालीचौक, पिपरा, धमारा, करना गांव,मलापा, महेशखूंट में कई जगहों पर पेड़े का कारोबार चलता है।

Sponsored

लेकिन पेड़े के लिए खगड़िया के करुआ मोड़ की एक अलग पहचान है। यह जगह 1980 से पेड़ा कारोबार का केंद्र रहा है।

Sponsored

80 के दशक में मिली पहचान

चौथम प्रखंड के एनएच-107 के किनारे करुआ मोड़ गांव के पेड़े को 1980 के दशक में पहचान मिली थी। एक छोटी सी दुकान में पिपरा निवासी शंकर साह ने पेड़ा बनाने की शुरुआत की थी।

Sponsored

इसके बाद करुआ मोड़ के अन्य दुकानदारों ने इस कारोबार की शुरुआत की। पेड़े की मिठास और खुशबू से लोगों ने इसे पसंद करना शुरू किया। इसके बाद से पेड़ा की मांग बढ़ने लगी।

Sponsored
खगड़िया जिले में पेड़े का करीब सालाना 30 करोड़ का कारोबार

कई सियासी दिग्गज ले चुके हैं पेड़े का स्वाद

चुनावी दौरे के दौरान खगड़िया के पेड़े का स्वाद लेना नहीं नेता भी नहीं भूलते हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री खगड़िया आने पर पेड़ा का स्वाद चखा था।

Sponsored

इसके अलावा भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, पूर्व पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा भी पेड़े का स्वाद चखकर इसकी तारीफ कर चुके हैं।

Sponsored

रोजगार के अवसर को मिल रही उड़ान

खगड़िया में पेड़े के कारोबार से सैकड़ों युवाओं और अन्य लोगों को रोजगार मिल रहा है। खगड़िया में पेड़े की कई दुकानें हैं। सिर्फ करुआमोड़, महेशखूंट में ही 100 से अधिक पेड़े की दुकान है।

Sponsored

एक दुकान या पेड़ा भंडार में कम से कम दस लोगों को रोजगार मिलता है। वहीं, पशुपालकों से दूध लेकर पेड़ा दुकानों तक दूध पहुंचाने में भी कई लोग जुड़ते हैं।

Sponsored
खगड़िया में पेड़े के कारोबार से सैकड़ों युवाओं और अन्य लोगों को मिल रहा रोजगार

प्रत्येक दिन चौथम, मानसी, बेलदौर, गोगरी,अलौली, समस्तीपुर,दरभंगा आदि क्षेत्र से दूध पेड़ा भंडार पहुंचता है। प्रतिदिन यहां 500 लीटर से अधिक दूध का पेड़ा खगड़िया में बनता है।

Sponsored

यहां का पेड़ा 200 से 300 रुपये प्रति किलो मिलता है। शुगर फ्री पेड़ा भी उपलब्ध है, जो भी शुगर के मरीज हैं। वह शुगर फ्री पेड़ा ज्यादा लेना पसंद करते है।

Sponsored

सरकार से कोई प्रोत्साहन नहीं, निराश हैं कारोबारी

शहर के आवास बोर्ड के पास के पेड़ा कारोबारी अशोक, बबलू और रंजीत यादव ने बताया कि पेड़ा कारोबारी को सरकार की तरफ से कोई प्रोत्सहान राशि नहीं मिलती है। जबकि, यह घरेलू उद्योग है। यह कच्चा कारोबार है। त्योहार के मौके पर अत्यधिक डिमांड रहता है।

Sponsored

हजारों लोगों को रोजगार का अवसर मिलता है। यदि सरकार और प्रशासन इस ओर ध्यान दे तो यह कारोबार और भी अधिक तेजी से बढ़ सकता है। सरकारी प्रोत्साहन मिले तो अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिल सकती है। प्रोत्साहन नहीं मिलने से कारोबारी निराश हैं।

Sponsored
Sponsored
Abhishek Anand

Leave a Comment
Sponsored
  • Recent Posts

    Sponsored