Sponsored
Breaking News

बिहार की मशहूर ‘अनारकली’ का निधन, दहेज में मिली थी हथिनी; शेखपुरा में सबकी थी दुलारी

Sponsored

शेखपुरा : शेखपुरा में अनारकली के नाम से मशहूर हथिनी की सोमवार की सुबह मौत हो गई। 50 साल की अनारकली के निधन के बाद दो क्रेनों की मदद से उसे ट्रक पर लादकर मेहूस गांव लाया गया। सदर प्रखंड के मेहूस गांव से हथिनी की शव यात्रा ढोल-बाजे के साथ निकाली गई। हथिनी की शव यात्रा में उसे 44 वर्ष अपने साथ रखने वाले किसान सूर्यमणि सिंह और उनके परिवार के साथ उसकी सेवा करने वाले मो. फहिम तथा मेहूस के साथ आस-पास के कई गांवों के सैकड़ों लोग शामिल हुए। समूचे क्षेत्र में मात्र मेहूस गांव में ही हथिनी थी। विशेष अवसरों लोग ‘अनारकली’ को ले जाते थे।

Sponsored

ससुराल से उपहार में मिली थी

गांव के सामाजिक कार्यकर्ता पाटो सिंह ने बताया 1978 में सूर्यमणि सिंह की शादी लखीसराय जिला के दरियापुर में हुई थी। विवाह में सूर्यमणि सिंह की हथिनी ससुराल से उपहार में मिली थी। तब से सूर्यमणि सिंह परिवार के सदस्य के तरह हथिनी को अपने पास रखकर उसकी देखभाल कर रहे थे।

Sponsored

कुछ दिन पहले खराब हुई थी तबीयत

कुछ दिन पहले इस हथिनी की तबीयत खराब हो गई थी। तब सूर्यमणि सिंह ने इसे पेलवान गांव के मो. फहिम को अपने घर पर रखकर सेवा करने को कहा और उसका खर्चा स्वयं सूर्यमणि वहन कर रहे थे। सोमवार की सुबह पेलवान के गांव मिल्की चक में हथिनी की मौत हो गई। हथिनी की मौत के बाद दो क्रेनों की मदद से उसे ट्रक पर लादकर मेहूस गांव लाया गया। ढोल-बाजे के साथ विधिवत शव यात्रा निकालकर उसे खेत में दफनाया गया। अनारकली नाम की यह हथिनी समूचे क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थी। इसे देखने दूर-दराज के लोग शौक से मेहूस गांव आते थे।

Sponsored
Sponsored
Abhishek Anand

Leave a Comment
Share
Published by
Abhishek Anand
Sponsored
  • Recent Posts

    Sponsored