नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम के मेगा एक्सपो में देश में बीते 75 साल में साइंस एंड टेक्नोलॉजी में क्या खास हुआ, उसे प्रदर्शित किया गया। इसे आजादी के अमृत महोत्सव के रुप में मनाया गया।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय और संस्कृति मंत्रालय व विज्ञान प्रसार द्वारा 22 फरवरी से 28 फरवरी तक चले एक्सपो का आयोजन किया गया। इसका थीम था- विज्ञान सर्वत्र पूज्यते। इसमें इसरो, डीआरडीओ, एटोमिक एनर्जी, अर्थ साइंस, स्पेस साइंस, इंडिया इनोवेशन फाउंडेशन आदि कई संस्थाएं शामिल हुईं।
ख़ुशी की बात यह कि यहां बिहार की बेटी आकांक्षा को भी अपना मेडी रोबोट प्रदर्शित करने का मौका मिला। आकांक्षा ने अपना मेडी रोबोट एआईसीटीई (ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन) की स्टॉल पर पटना को प्रजेंट किया।
आपको बता दे की एआईसीटीई एक संस्था है जो देश भर के इंजीनियरिंग कॉलेज को मान्यता देता है और कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं आयोजित करता है और यह टेक्निकल कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी भी है।
आपको बता दें कि मीडिया ने पहली बार आकांक्षा के इस रोबोट को सामने लाया था। उसके बाद उन्हें 2021 में शिक्षक दिवस के अवसर पर छात्र विश्वकर्मा एवार्ड दिल्ली में मिला था। 38 हजार कॉलेजों के बीच उन्होंने यह एवार्ड जीता था।
इसके लिए आकांक्षा को 51 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि भी मिली थी। इस बार आकांक्षा ने एक सप्ताह तक अपने मेडी रोबोट को लोगों के बीच दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम के मेगा एक्सपो में प्रजेंट किया। आकांक्षा ने रोबोट में कई नई चीजें भी लगाई हैं।
इस बार इसमें क्यू आर कोड फैसिलिटिज उपलब्ध करायी गई है। इससे सुविधा यह कि मरीज जब डॉक्टर के पास जाता है तो वह अपनी पूरी जानकारी देता है। लेकिन क्यू आर कोड के जरिए रोबोट मरीज की सारी जानकारी ले लेता है और डॉक्टर तक पहुंचा देता है।
इसके साथ इस बार मेडिसिन डिस्पेंसर की सुविधा भी जोड़ी गई है। डॉक्टर जो दवाई-प्रीस्क्रिप्शन के जरिए सजेस्ट करेंगे, वह दवा भी रोबोट मरीज को उपलब्ध करा देगा। यह टेलीमेडिसिन के रुप में काफी अच्छा होगा।
इस बार आकांक्षा के मेडी रोबोट को देश के टॉप साइंटिस्ट देखने आए। वैज्ञानिकों ने न सिर्फ इसे सराहा बल्कि कई जरूरी सुझाव भी दिए। सुझाव यह मिला कि इसे मल्टी लैग्वेज में तैयार करें ताकि देश के किसी भी हिस्से में इसका इस्तेमाल किया जा सके। डीआरडीओ, आईसीएमआर और हेल्थ मिनिस्ट्री ने इस रोबोट के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जतायी।
डिजास्टर मैनेजमेंट ने भी कई सुझाव दिए कि इसमें कुछ बदलाव करके डिजास्टर के समय भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसकी सराहना करते हुए इसे आगे ले जाने की बात कही है।
आकांक्षा ने इस रोबोट को कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए बनाया था कि डॉक्टर मरीज के पास नहीं जाए और मरीज का सही इलाज हो जाए। उन्होंने यह रोबोट तब तैयार किया था जब बड़ी संख्या में डॉक्टर कोविड की चपेट में आकर मौत के शिकार हो रहे थे।
यह तो इसके बेसिक काम हैा इसके अलावा इस रोबोट का खास फीचर यह है कि किसी भी पेशेंट का बेसिक पारामीटर जैसे ईसीजी, ब्ल्ड शूगर, पल्स, ब्ल्ड प्रेशर, टेम्परेचर, वजन और वायरलेस स्टेथोस्कोप के जरिए किसी पेशेंट के हर्ट और लंग्स की स्थिति की भी जांच करता है।
इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये दूर बैठे डॉक्टर को इतनी सारी जांच की रिपोर्ट रीयल टाइम पर पहुंचा देता है। इसमें इमरजेंसी के लिए ऑक्सीजन और न्यूमोलाइजेशन की भी व्यवस्था है।
आकांक्षा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह रोबोट को लगातार मॉडिफाई कर रही हैं। वे कहती हैं कि इसका इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा कैसे हो और यह मार्केट में कैसे जाए इसके लिए काम कर रही हूं। इस संदर्भ में एआईसीटीई के वाइस चेयरमेन डॉ. पुनिया सहित कई सरकारी एजेंसिंयों ने इसे फंडिंग कर स्टार्टअप के रुप में आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया है।
आकांक्षा बताती हैं कि “मैंने अपनी स्टार्ट अप कंपनी बना ली है और अब इसके जरिए मिनिस्ट्री की मदद से आम लोगों तक बड़े पैमाने पर मेडी रोबोट को पहुंचाऊंगी।”
बिहार के आरा में 4 मार्च से से एमएसएमई का एक्सपो लग रहा है। इस रोबोट को विशेष स्टॉल प्रदान किया गया है। आयोजन का उद्घाटन बिहार सरकार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन करेंगे। मुझे बिहार सरकार से भी काफी उम्मीदे हैं।
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