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बिहार और नेपाल का सफर रामजानकी मार्ग से होगा आसान, साथ ही पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा।

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संतकबीर नगर की बॉर्डर में 34.76 किमी की दूरी में काम कराने को लेकर मंजूरी मिल गई है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू है। यहां सड़क बन जाने से गोरखपुर, मऊ, गाजीपुर आदि जनपदों से श्री राम की जन्म स्थली अयोध्या और लखनऊ की दूरी कम हो जाएगी। केंद्र सरकार के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने साल 2019 में राम जानकी मार्ग के चौड़ीकरण को लेकर ऐलान किया था। अयोध्या से बस्ती, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बिहार, देवरिया और नेपाल तक रामजानकी मार्ग गया हुआ है। अयोध्या से बस्ती तक की रोड एनएच 27 से जुड़ी है। जबकि छावनी से लेकर छपिया तक बस्ती की सीमा में रामजानकी मार्ग है। बस्ती बॉर्डर में रामजानकी मार्ग का चौड़ीकरण हो रहा है।

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एनएचआई के अनुसार बस्ती की बॉर्डर में 75 फीसद काम पूरा हो गया है। जबकि संतकबीरनगर बॉर्डर में बस्ती के छपिया से गोरखपुर के सिकरीगंज तक 34.76 किमी की दूरी तक रोड है। योजना के अनुसार रामजानकी मार्ग को टू लेन पेव्ड सोल्डर करना है। जिले की बॉर्डर में 34.76 किमी तक रोड चौड़ीकरण पर कुल 307.11 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। नए मानक के अनुसार सड़क को 10 मीटर चौड़ा करना है। इसका एग्रीमेंट हो गया है। जमीन अधिग्रहण के लिए जारी की गई लिस्ट में सोनहन से लेकर बंसवारी ग्राम तक के किसानों को भूमि का विवरण दिया गया है।

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वहीं सड़क के रेंज में पड़ने वाले डिहवा बाजार, लोहरैया, तामा, सिरसी, हैंसर बाजार, टांडा,भिऊघाट, मुठही कला, शनिचरा मड़पौना, बाजार, पारा, पौली, दुलहापार आदि कस्बों में सड़क निर्माण के रेंज में आने वाले दुकान, मकान हटाए जाएंगे। लंबे वक्त से इस मार्ग के चौड़ीकरण करने की मांग लोग करते आ रहे थे। बस्ती के छावनी से कटकर बिहार के रास्ते नेपाल तक जाने वाली सड़क निर्माण से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही संतकबीरनगर से लखनऊ, अयोध्या, बिहार और नेपाल का सफर आसान हो जाएगा।

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Abhishek Anand

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