बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 66वीं संयुक्त परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी कर दिया गया है, टॉपर्स की लिस्ट को अगर आप झाकेंगे तो आठवे स्थान पर पूर्वी चंपारण जिले के सदानंद कुमार को पाएंगे। बिना किसी कोचिंग के इस मुकाम को हासिल करना इतना आसान नहीं है लेकिन इसके फिर भी सदानंद ने इसे कर दिखाया है। तो आइये जानते है सदानंद ने किस तरह से इस सफर को पूरा किया-
सदानंद कुमार बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के चिरैया क्षेत्र के मीरपुर गांव के निवासी है, बीपीएससी की 66वीं संयुक्त परीक्षा में उन्होंने चौथा स्थान हासिल किया है। IIT गुवाहाटी के छात्र रहे सदानंद को दूसरे प्रयास में सफलता मिली है। वर्तमान में सदानन्द दिल्ली के एक कंपनी में नौकरी करते है।
उनका कहना है कि वे पहली बार बिना तैयारी परीक्षा में बैठ गए थे। इस बार पूरी तैयारी के साथ प्रयास किया और सफलता हासिल की। रोचक यह है कि उन्होंने बिना कोचिंग लिए यह सफलता हासिल की है। उनका मानना है कि कोई भी ऐसा कर सकता है।
सदानंद के किसान पिता कमल साह की पिछले वर्ष मई में मृत्यु हो गई थी। तीन भाइयों व एक बहन में सबसे बड़े सदानंद पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी। उन्होंने हौसला नहीं खोया। सेल्फ स्टडी करते रहे।
सदानंद ने 12वीं तक की पढ़ाई चिरैया में ही पूरी की उसके बाद उनका नामांकन IIT गुवाहाटी में हो गया। वे शुरू से ही प्रशासनिक महकमे में जाना चाहते थे। यही कारण था कि वर्ष 2017 में बीटेक के बाद अपना पूरा ध्यान परीक्षा की तैयारी पर लगाना शुरू कर दिया।
सदानंद बताते हैं कि बीपीएससी में मिली सफलता बस पड़ाव भर है। उनका लक्ष्य यूपीएससी परीक्षा पास करना है। इसके लिए वे तैयारी में जुटे हैं। बकौल सदानंद किसी भी परीक्षा की तैयारी में सबसे अहम सेल्फ स्टडी होती है। उन्होंने खुद बगैर किसी कोचिंग संस्थान में गए इस मुकाम को पाया है।
सदानंद का ऐसा मानना है कि कोई भी विद्यार्थी सेल्फ स्टडी से सफल हो सकता है, इसके लिए बस एक काम करना होगा। क्या पढ़ना है और क्या नहीं, इसे पहले से तय करके चलना होगा। इसके बाद फोकस होकर पढ़ाई।
बीपीएससी 66वीं परीक्षा में 685 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं। कुल 689 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा ली गई थी। मुख्य परीक्षा का रिजल्ट 13 अप्रैल 2022 को घोषित किया गया था। लिखित परीक्षा में सफल 1838 उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था।
इसमें कुल 1768 उम्मीदवार शामिल हुए। वहीं 70 अनुपस्थित रहे। कुल 689 रिक्तियों के विरुद्ध संयुक्त मेधा सूची तैयार की गई। जिसके तहत विभागवार एवं रिक्तिवार सेवा आवंटन किया गया। सफल उम्मीदवारों में 25 दिव्यांग और 13 स्वतंत्रता सेनानी के आश्रित भी हैं।
Leave a Comment