बता दें कि देश में बिजली की सबसे ज्यादा डिमांड 9 जून 2020 को 2,10,792 मेगा वाट दर्ज की गई और 4,712 मिलियन यूनिट बिजली खपत हुई। ऐसा माना जाता है कि बिजली की बढ़ रही मांग देश की वित्तीय सुधार और ऊर्जा खपत का मुख्य संकेतक है। बिजली उत्पादकों और रिफाइनरी की इकोनामिक में आम रूप से समग्र मांग से जुड़ी होती है।
एनटीपीसी के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक शीतल कुमार ने कंपनी की सफलता के बारे में जानकारी दी। और कहा कि विशेष तौर पर वार्ड प्लांटों का उर्जा प्रोडक्शन प्रदर्शन बिजली के क्षेत्र में हमारी विशेषताओं का एक संकेतक है, जो मजबूत संचालन और रखरखाव सिस्टम के साथ ही कंपनी की टीम की ओर से की गई प्रणाली सुधार तंत्र पर लगातार ध्यान केंद्रित रहने के कारण ऐसा संभव हो पाया है।
एनटीपीसी का क्षेत्रीय मुख्यालय देश के सात बड़े शहरों में है, उन्होंने एनटीपीसी पूर्वी विद्युत उत्पादन संयंत्रों के द्वारा बिहार की विद्युत आवश्यकताओं को पूर्ण किए जाने हेतु योगदान के विषय में बताया, बिजली कंपनी के प्रवक्ता अभिषेक चंद्रा ने कहा कि बिहार में एनटीपीसी संयंत्रों से कुल 6030 मेगावाट विद्युत का आवंटन है, जिसमें एनटीसी के पूर्वी क्षेत्र 1 की हिस्सेदारी 5428 मेगावाट की है।
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