ये है पटना के मोकामा की तस्वीर : सोमवार को डेढ़ फीट पानी पार कर घोसवरी प्रखंड के मोहनपुर गांव स्थित मध्य विद्यालय में टीकाकरण के लिए पहुंची टीम। इनमें एएनएम ममता कुमारी, नीतू कुमारी और जीविका के कर्मी सौरभ कुमार, बंटी कुमारी, आरती कुमारी, महेश कुमार शामिल थे।
देशव्यापी कोरोना टीका महाअभियान के पहले दिन सोमवार को बिहार में 519955 लोगों को टीका लगा। इसके लिए 4256 केंद्र बनाए गए थे। यदि इसी गति से रोज वैक्सीनेशन होता रहा तो दिसंबर तक राज्य में लोगों को करीब 9 करोड़ डोज लग जाएगी। अनुमानित आबादी लगभग 14 करोड़ है और टीका फिलवक्त 18+ आयुवर्ग को लग रहा है और इस आयु वर्ग की आबादी भी तकरीबन 9 करोड़ ही है। यानी दिसंबर तक टीके के दायरे में आने वाले ज्यादातर लोगों को पहला या दूसरा डोज लग ही जाएगा। और 50% आबादी का तबतक डबल डोज वैक्सीनेशन हो चुका होगा।
देश में 18+ के लिए केंद्रीय कोटे से मुफ्त टीकाकरण की शुरुआत हुई। केंद्र ने सभी राज्यों से कहा था कि सोमवार को ‘मेगा वैक्सीनेशन डे’ के रूप में मनाया जाए। वहीं, बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साेमवार को, ‘6 महीने में 6 करोड़ को कोरोना का टीका’ अभियान की शुरुआत की। यानी रोज लगभग 3.33 लाख टीके लगेंगे। पहले दिन टारगेट से डेढ़ गुना टीके लगे। देश में रात 12 बजे तक 85.15 लाख लोगों को टीके लगे। यह विश्व रिकॉर्ड है, क्योंकि अबतक कोई भी देश एक दिन में 55 लाख से ज्यादा टीके नहीं लगा पाया था। हालांकि, चीन रोज दो करोड़ टीके लगाने का दावा करता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बिरादरी इस दावे को सही नहीं मानती। देश में बिहार का स्थान पांचवां रहा। इस अभियान में सबसे अधिक टीका क्रमश: मध्य प्रदेश, कर्नाटक, यूपी और गुजरात में लगे।
देश में टीका लगवाने वाले 74% युवा
टीके लगवाने वालों में 74%, यानी 61 लाख लोग 18 से 44 साल तक के हैं। देश में अबतक रोज 31 लाख टीके लग रहे थे। सोमवार को इससे दोगुने टीके सिर्फ युवाओं को लगे हैं। टीकों का रिकॉर्ड बनाने में भाजपा शासित मध्यप्रदेश, कर्नाटक, यूपी, गुजरात व हरियाणा आगे रहे। इन 5 राज्यों में कुल 44 लाख, यानी देश के 52% टीके लगे। गैरभाजपा शासित राज्यों में मुहिम का खास असर नहीं दिखा।
input – daily bihar
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