मुजफ्फरपुर। कार्यालय संवाददाता
मुजफ्फरपुर की पहचान लीची व लहठी को एक और गौरव हासिल हुआ है। दोनों उत्पादों को रेलवे के वन स्टेशन वन प्रोडक्ट में शामिल किया गया है। रेलवे ने दोनों उत्पादों के विकास व प्रोत्साहन के लिए योजना बनाई है।
इसके तहत मुजफ्फरपुर जंक्शन पर स्टॉल खोला जाएगा। इस स्टॉल से महानगरों व दूसरे राज्यों से आवाजाही करने वाले यात्री लीची व इससे जुड़े उत्पादों और लहठी की खरीदारी कर सकेंगे। इसकी विशेषताओं से अवगत होंगे। यात्री लीची के जूस व पल्प का स्वाद ले सकेंगे और लहठी की चूड़ी सौगात के रूप में अपने साथ ले जा सकेंगे।
स्टॉल खोलने के लिए सोनपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम ने पेशेवरों से प्रस्ताव की मांग की है। एमएसएमई से निबंधित, हस्तकला विकास आयोग से जुड़े बुनकर व निबंधित सेल्फ हेल्प ग्रुप को स्टॉल संचालन की जिम्मेवारी सौंपी जाएगी। फिलहाल, रेलवे प्रायोगिक तौर पर आठ से लेकर 22 अप्रैल तक जंक्शन पर स्टॉल खोजने जा रहा है। यह प्रयोग सफल होने पर स्थायी तौर पर जंक्शन पर स्टॉल खोला जा सकता है। पांच सौ रुपये के भुगतान पर जंक्शन पर स्टॉल खुल सकता है। इसके लिए चार अप्रैल तक आवेदन जमा होंगे।
इससे पूर्व बीते सप्ताह पटना जंक्शन पर वन स्टेशन व वन प्रोडक्ट के तहत मधुबनी पेंटिंग आधारित उत्पादों के बिक्री व प्रदर्शनी के लिए स्टॉल खोला गया है। डेढ़ साल पूर्व उद्योग विभाग ने वन डिस्ट्रिक्ट व वन प्रोडक्ट योजना में लीची व लहठी को शामिल किया था। पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि बीते फरवरी में संसद में पेश बजट के दौरान केंद्र सरकार ने वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना शुरू की थी। योजना के तहत बड़े जंक्शन पर स्टॉल खोले जा रहे हैं।
1000 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष लीची का कारोबार
जिले में प्रतिवर्ष एक हजार करोड़ रुपये का लीची का कारोबार होता है। 12 हजार हेक्टयर भूमि पर लीची की उपज होती है। एक हजार टन प्रति साल लीची की पैदावार होती है। इसमें से 50 प्रतिशत लीची ट्रकों, ट्रेनों व हवाई मार्ग से दूसरे राज्य, महानगर व विदेश तक भेजी जाती है। यह जानकारी देते हुए बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि रेलवे की कोशिशों से लीची को प्रोत्साहन मिलेगा।
विदेशों तक धूम मचा रही जिले की लहठी
मुजफ्फरपुर की लहठी संयुक्त राज्य अमेरिका व यूरोप आदि देशों में धूम मचा रही है। लहठी व इससे जुड़े व्यवसाय व उद्योग से जिले में करीब पांच हजार लोग जुड़े हैं। प्रतिवर्ष पचास करोड़ रुपये का कारोबार होता है। मुजफ्फरपुर के इस्लामपुर मंडी से दूसरे शहरों व राज्यों तक लहठी भेजी जाती है। इस्लामपुर के लहठी कारोबारी रेयाज गौरी ने बताया कि लहठी मुजफ्फरपुर की पहचान है। विदेश में रह रहे लोग यहां से लहठी मंगवाते हैं। प्रोत्साहन से लहठी उद्योग व कारोबार से जुड़े लोग लाभान्वित होंगे।
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