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रेलवे को राजस्व देने में मुजफ्फरपुर जंक्शन तीसरे नंबर पर, पटना जंक्शन पहले तो दानापुर जंक्शन दूसरे पायदान पर

पूर्व मध्य रेल के अधिक राजस्व देने वाले टॉप 30 स्टेशनों की सूची में मुजफ्फरपुर तीसरे स्थान पर है। पहले स्थान पर पटना फिर दानापुर और उसके बाद मुजफ्फरपुर जंक्शन है। चौथे स्थान पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय (मुगलसराय), पांचवें पर दरभंगा, छठे पर गया फिर पटना जिले के ही दो स्टेशन पाटलिपुत्र सातवें और राजेंद्रनगर टर्मिनल आठवें स्थान पर है।

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समस्तीपुर जंक्शन से एक पायदान आगे नौवें स्थान पर धनबाद जंक्शन है। ग्यारहवें स्थान पर बक्सर और 12 वें पर गया जंक्शन है। सहरसा से नीचे बरौनी, फिर हाजीपुर, सोनपुर, कोडरमा, बेतिया, बापूधाम मोतिहारी, राजगीर, सासाराम, डेहरी ऑन सोन और कियूल जंक्शन है।

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सहरसा से 11 पायदान नीचे और कियूल के बाद 24 वें स्थान पर खगड़िया, फिर मधुबनी, नरकटियागंज, बगहा, रक्सौल और जयनगर स्टेशन है। सबसे अधिक राजस्व वाले टॉप 30 स्टेशनों की सूची में सबसे नीचे नाम बेगूसराय का है। खास बात यह कि कोरोना काल में पिछले साल कई माह ट्रेन परिचालन बंद होने और फिर रेलगाड़ी कम चलने के बावजूद सहरसा जंक्शन से 28 करोड़ 88 लाख 73 हजार 658 रुपए राजस्व प्राप्त हुए। सहरसा में एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक सात लाख 88 हजार 916 यात्रियों ने आरक्षित और अनारक्षित टिकट कटाया। पूर्व मध्य रेल ने एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक एक साल के यात्री संख्या और उससे प्राप्त राजस्व को आधार बनाते हुए अधिक राजस्व वाले टॉप 30 स्टेशनों की सूची तैयार की गयी है।

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कुछ प्रमुख स्टेशनों को मिले राजस्व पर नजर : सबसे अधिक राजस्व हासिल करने की सूची में टॉप पर जंक्शन पटना का एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक साल भर में प्राप्त राजस्व 250 करोड़ 76 लाख 67 हजार 565 रहा। यहां की यात्री संख्या 63 लाख पांच हजार 145 रही। टॉप 30 में सबसे नीचे स्थान वाले बेगूसराय स्टेशन से चार लाख 50 हजार 399 टिकट कटने से सात करोड़ 38 लाख 83 हजार 578 रुपए राजस्व मिले। दानापुर जंक्शन से 160 करोड़ 55 लाख 71 हजार 524, मुजफ्फरपुर से 91 करोड़ 52 लाख 62 हजार 565 और दरभंगा से 71 करोड़ 56 लाख 31 हजार 774 रुपए राजस्व मिले। समस्तीपुर जंक्शन से 39 करोड़ 94 लाख 80 हजार 139, बरौनी से 26 करोड़ 71 लाख 70 हजार 699, हाजीपुर से 19 करोड़ 90 लाख 97 हजार 233, कियूल से 9 करोड़ 44 लाख 6 हजार 30, मधुबनी से 8 करोड़ 63 लाख 61 हजार 81, जयनगर से 7 करोड़ 54 लाख 68 हजार 98 और खगड़िया से नौ करोड़ 62 लाख छह हजार 938 रुपए से अधिक राजस्व प्राप्त हुए।

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मुरलीगंज से अधिक बनमनखी स्टेशन का राजस्व : कोसी क्षेत्र के मुरलीगंज से सीमांचल के बनममखी स्टेशन का राजस्व अधिक है। बनमनखी से जहां 31 लाख 13 हजार 18 रुपए राजस्व मिले वहीं मुरलीगंज से 30 लाख 11 हजार 547 रुपए राजस्व ही प्राप्त हुए। सोनवर्षा कचहरी हॉल्ट से 35 हजार 45, कोपरिया से चार लाख 84 हजार 773, धमारा घाट से 25 हजार 175 और बदला घाट से 3 लाख 96 हजार 202 रुपए राजस्व प्राप्त हुए। मानसी स्टेशन से चार करोड़ 72 लाख 64 हजार 74 रुपए राजस्व मिले।

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आरक्षित टिकट अधिक कटे : कोरोना काल में अनारक्षित कोच में भी आरक्षित टिकट पर ही सफर की अनिवार्यता के कारण अधिक आरक्षित टिकट कटे। साल भर में सहरसा स्टेशन पर यूटीएस काउंटर से एक लाख 74 हजार 599 अनारक्षित टिकट कटे। वहीं आरक्षण काउंटर से 6 लाख 14 हजार 317 आरक्षित टिकट बने। हालांकि जब सहरसा से जनसेवा, गरीब रथ, पुरबिया एक्सप्रेस जैसी अभी बंद ट्रेनें चलती थी उस समय साल भर का राजस्व 60 करोड़ या उससे अधिक रहता था।

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