ADMINISTRATIONBIHARBreaking NewsMUZAFFARPURNationalPoliticsSTATE

HDFC बैंक ने गलती से ग्राहकों के खातों में भेजे 100 करोड़, अब ग्राहक नहीं वापस करना चाहते पैसे

एचडीएफसी बैंक को देश का सबसे बड़ा निजी बैंक माना जाता है. इतना बड़ा बैंक भी तकनीकी गड़बड़ी से बच नहीं पाया और अब यही गड़बड़ी इस बैंक को महंगी पड़ रही है. दरअसल, एचडीएफसी बैंक की इस तकनीकी गलती से कई ग्राहकों के खाते में करोड़ों रुपये चले गए. अब इन पैसों की वसूली के लिए बैंक को नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं. 

Sponsored

ग्राहकों के खातों में भेजे 100 करोड़

HDFC BCCL

Sponsored

मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार इस बैंक ने तकनीकी गड़बड़ी के कारण 4468 ग्राहकों के खातों में 100 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए थे. BQ Prime की एक रिपोर्ट बताती है कि बैंक इन 100 करोड़ में से अभी तक 35-40 करोड़ रुपये भी रिकवर नहीं कर पाई है.

Sponsored

कई ग्राहक बैंक की इस वसूली में सहयोग नहीं कर रहे. उन्होंने शिकायत की है कि बैंक उन्हें डरा धमका रहा है. रिपोर्ट के अनुसार एक सूत्र का कहना है कि अगर ग्राहक वसूली में सहयोग नहीं करते तो बैंक इन पैसों को वापस पाने के लिए कानूनी रास्ता अपना सकता है.

Sponsored

पहले भी हुई ऐसी गड़बड़ी

rupee shutterstock

Sponsored

एचडीएफसी बैंक ने BQ Prime को दिए एक बयान में बताया है कि 28 मई की रात और 29 मई की सुबह सिस्टम पैच को अपग्रेड किया था. इसके बाद कुछ कस्टमरों के अकाउंट्स में बैलेंस में गड़बड़ी दिखी थी. इससे पहले भी मई में चेन्नई के त्यागराज नगर की उस्मान रोड ब्रांच में सिस्टम अपग्रेड के दौरान तकनीकी गड़बड़ी हुई थी. जिस वजह से बैंक द्वारा कुछ ग्राहकों के खाते में करीब 13 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए गए थे. तब बैंक ने करीब 100 बैंक अकाउंट्स फ्रीज कर दिए थे.

Sponsored

लग चुकी हैं पाबंदियां

Bank Holidays June 2022 AFP

Sponsored

इससे पहले जब आरबीआई ने एचडीएफसी बैंक की कुछ डिजिटल ऑफरिंग पर रोक लगा दी थी तब  बैंक ने अपने पूरे सिस्टम में पूरी तरह से बदलाव का फैसला किया था. एचडीएफसी बैंक के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बार-बार गड़बड़ी होने के कारण केंद्रीय बैंक ने उस पर कुछ पाबंदियां लगाई थीं. आरबीआई ने इस साल मार्च में एचडीएफसी बैंक पर से पाबंदियां हटाई थीं. करीब ढाई साल पहले आरबीआई ने एचडीएफसी बैंक के डिजिटल लॉन्च और नए क्रेडिट कार्ड कस्टमर बनाने पर रोक लगा दी थी.

Sponsored

Comment here