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बिहार और झारखंड के बीच 200 रूटों को चिन्हित कर बस परिचालन की तैयारी शुरू, दोनों राज्यों के बीच आसान होगा सफर

जल्द ही बिहार और झारखंड के बीच 5000 बसें चलेगी। दोनों प्रदेशों के विभिन्न शहरों में इनका परिचालन होगा। बिहार में 200 बस रूटों की पहचान हो गया जहां से परिचालन होने की उम्मीद है। इसको देखते हुए बिहार का परिवहन विभाग बस मालिकों से एप्लीकेशन मांगा है। 13 जून तक की तारीख आवेदन देने को बस मालिकों को कहा गया है। विभाग इस योजना में सफल रहता है तो आगामी दिनों में बिहार से झारखंड के लोगों को काफी सुविधा होगी।

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बता दें कि बीते दिनों विभाग की समीक्षा बैठक किया गया जिसमें यह जानकारी सामने आई कि बिहार से झारखंड के बीच 6160 बसें चलाई जा सकती हैं। लेकिन केवल 1253 बसों का ही परिचालन हो रहा है। इस हिसाब से 4907 बसें और चलने की उम्मीद है।

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प्रतीकात्मक चित्र

बड़ी संख्या में बसों के नहीं चलने से लोगों को खासा परेशानी हो रही है। इसी को देखते हुए बस परिचालन की तैयारी विभाग के द्वारा शुरू कर दी गई है। विभाग ने प्राइवेट बस मालिकों से 13 जून तक आवेदन मांगा है। बस मालिकों के द्वारा आज आवेदन पर 30 दिन के दिन राज्य परिवहन प्राधिकार की बैठक होगी जिसके बाद बस चलाने के लिए परमिट पर फैसला लिया जाएगा।

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विभाग के मुताबिक, पटना जिले में सबसे ज्यादा रिक्तियां है। झारखंड के लिए यहां से 17 रूटों से बसों का परिचालन होना है। जिले में 1535 बसों के जगह 1380 रिक्तियां है। सबसे ज्यादा पटना से रांची के बीच 500 बसों को चलाया जा सकता है। फिलहाल केवल 36 बसें ही चल रही है। इसी प्रकार पटना से टाटा के बीच 200 बसों का परिचालन हो सकता है लेकिन केवल 44 बसें ही चल रही है। पटना से हजारीबाग के बीच 75 में से 62, पटना से डाल्टनगंज के लिए 50 में से 44 जबकि पटना से गढ़वा बीच 50 में से 46 रिक्तियां हैं। पटना से गिरिडीह के लिए 100 में से केवल 3 बसों का ही परिचालन हो रहा है। पटना से दुमका के बीच 100 में से केवल 9 बसें ही चल रही है। पटना से देवघर के लिए 125 में से केवल तीन बसों का परिचालन हो रहा है।

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जहानाबाद से बोकारो तक 25 बसों का परिचालन होना है लेकिन एक बसें भी नहीं चल रही है। नवादा से टाटा और बोकारो के बीच 25-25 बसों का परिचालन हो सकता है, लेकिन आलम यह है कि एक भी बसों का परिचालन नहीं हो रहा है। जमुई से टाटा और देवघर के लिए 25-25 बसें चलाई जानी है, लेकिन एक भी बसें नहीं चल रही है। बेगूसराय से हजारीबाग, टाटा, बोकारो और खगड़िया से दुमका एवं धनबाद के 25-25 बसों का परिचालन हो सकता है, लेकिन एक भी बसें नहीं चल रही है। बांका से टाटा, भागलपुर से रांची तक 25-25 बसें चलनी हैं, दरभंगा से बोकारो तक 50 बसों का परिचालन होना है लेकिन एक भी नहीं चल रही है।

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आरा से रांची तक 50 में से केवल 12 बसों का परिचालन हो रहा है। आरा से टाटा तक 50 में से केवल 4 बसें चल रही है जबकि 46 रिक्त हैं। आरा से धनबाद तक 50 में से केवल 2 बसें चल रही है। गया से रांची तक 125 बसों का परिचालन किया जाना है लेकिन 55 बसें ही चल रही है। गया से बोकारो तक 50 बसों का परिचालन होना है, लेकिन पूरे के पूरे 50 रिक्त हैं। औरंगाबाद से बोकारो तक 25 में से केवल 5 बसों का परिचालन हो रहा है इस हिसाब से 20 रिक्तियां हैं।

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