ADMINISTRATIONBIHARBreaking NewsMUZAFFARPURNationalPoliticsSTATE

पहले ऑटो रिक्शा चलाया, अब प्लेन चलाएंगे: गरीब परिवार का बेटा जिसने मेहनत से पायलट बनने का सपना पूरा किया

मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. इन पक्तियों को सच कर दिखाया है नागपुर के श्रीकांत पंतवाने ने, जिन्होंने स्कूली दिनों में डिलीवरी बॉय का काम किया. ऑटो चलाया. गरीबी सपनों के आगे रूकावट बनी. लेकिन हिम्मत नहीं हारी. उनके जुनून ने उन्हें पायलट बना दिया.

Sponsored

Srikant Pantawane Amar Ujala

Sponsored

गरीबी में बीता बचपन

श्रीकांत पंतवाने का जन्म बेहद गरीब परिवार में हुआ. पिता चौकीदार की एक मामूली सी नौकरी करते थे. घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी. श्रीकांत का बचपना गरीबी और बेबसी में बीता. लेकिन बचपन से ही श्रीकांत एक तेज तर्रार बच्चे थे. वे पढ़ाई में भी काफी अच्छे थे. बड़े होकर कुछ बनना चाहते थे. लेकिन पिता की कमाई से बमुश्किल परिवार का पेट भरता था. ऐसे में पढ़ाई के लिए अधिक खर्च करना पिता के बस की बात नहीं थी.

Sponsored

Srikant Pantawane IT

Sponsored

डिलीवरी बॉय से लेकर चलाया ऑटो रिक्शा

तंगी के बावजूद श्रीकांत के हौसले पस्त नहीं हुए. पैसों की कमी के चलते उन्हें स्कूली दिनों में ही डिलीवरी बॉय का काम करना पड़ा. इसके बाद एक समय ऐसा भी आया जब श्रीकांत को पढ़ाई या काम में से एक को चुनना पड़ा. ऐसे में श्रीकांत ने घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए ऑटो रिक्शा चलाना शुरू कर दिया.

Sponsored

Srikant Pantawane Amar Ujala

Sponsored

फिर जिद ने उन्हें बना दिया पायलट

श्रीकांत घर के बदतर हालात को सुधारने के लिए ऑटो रिक्शा चलाते रहे. लेकिन उनके अंदर का जुनून और जिद ने उन्हें कुछ कर दिखाने के लिए प्रोत्साहित किया. एक बार वो एयरपोर्ट पर डिलीवरी देने गए. तभी उड़ते हुए हवाई जहाज ने उनके सपनों में उड़ान भर दी. उन्होंने पायलट बनने की ठान ली.

Sponsored

srikant pantwane Jagran

Sponsored

तब श्रीकांत की मुलाकात चाय स्टाल के वेंडर से हुई. जिसने इन्हें एविएशन रेग्युलेटर डीजीसीए यानी डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन पायलट स्कॉलरशिप प्रोग्राम के बारे में बताया.

Sponsored

srikant pantwane AU

Sponsored

फिर श्रीकांत ने मध्यप्रदेश के एक फ्लाइट स्कूल में एडमीशन ले लिया. इसके साथ ही परिवार और खुद की पढ़ाई के लिए एक कंपनी में एक्सीक्यूटिव की जॉब भी करने लगे. अब उनके आगे सबसे बड़ी समस्या जो थी वह अंग्रेजी की थी. लेकिन उन्होंने अपनी कमजोरी को हावी नहीं होने दिया. श्रीकांत ने इस समस्या से भी निजात पा ली और फ़्लाइंग एग्जाम पास कर लिया. जिसके पास उन्होंने इंडिगो एयरलाइन्स ज्वाइन किया. आज उनकी जिद ने उन्हें एक पायलट बना दिया है. वे दूसरे युवाओं के लिए प्रेरणादायक हैं.

Sponsored

Comment here