बिहार में बिहटा एयरपोर्ट के निर्माण और पटना विमानपत्तन के उन्मुखीकरण के साथ ही राज्य में मौजूद 32 एयरपोर्ट के संचालन के लिए पटना हाई कोर्ट में पेंडिंग मामले की पैरवी के लिए वकील के रूप में गुरुवार को सारण के सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी मौजूद हुए। जनहित याचिका के द्वारा रोटी के साथ ही हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं की पूरी टीम उपस्थित थी। उसमें सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता जितेंद्र सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह, वरुण सिंह, राजीव सिंह, अधिवक्ता संकेत थे। पटना हाईकोर्ट में इस मामले की यह तीसरी सुनवाई की थी।
राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता और वकील जनरल जनरल ललित किशोर मौजूद थे। चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति संजय करोल के सामने दायर जनहित याचिका की ओर से अधिवक्ता के तौर पर राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि बिहार में 32 विमानपत्तन मौजूद है। इसके बावजूद प्रदेश की 12 करोड़ लोगों को विमान सेवा केवल दरभंगा और पटना एयरपोर्ट ही दे पा रहा है। उन्होंने कहा कि आकार में छोटा और कई तकनीकी बाधाएं भी है इसलिए बड़े जहाजों को लैंड करने के लिए इस विमानपत्तन के हवाई पट्टी को डेवलप करने की योजना है। इसके बावजूद भी बड़े विमानों के लिए पूरे ढंग से कारगर साबित नहीं होगा।
राजीव प्रताप रूडी ने अपनी दलील में कहा कि पटना एयरपोर्ट और बिहटा एयरपोर्ट मिलकर प्रदेश के 12 करोड़ से ज्यादा की आबादी को विमान सेवा मुहैया नहीं करा पाएंगे इसलिए बिहार को एक ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि पटना हवाईअड्डे पर विमानों की लैंडिंग की काफी दिक्कत है। सामान्य तौर पर रनवे की लंबाई 9000 फिर और अंतरराष्ट्रीय फ्लाइटों के लिए 12000 ठीक होनी चाहिए, मगर पटना हवाईअड्डे के रनवे की लंबाई केवल 6800 फीट है।
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उन्होंने आगे कहा कि बिहार में पटना के जेपी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अलावे मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया, फारबिसगंज, रक्सौल, मुंगेर और भागलपुर में एयरपोर्ट है, मगर इन सभी एयरपोर्ट पर काफी सारी आधुनिक सेवा और सुरक्षा की कमी है। अब मामले की अगली सुनवाई पटना उच्च न्यायालय में 17 अगस्त को होनी है।