बिहार के विश्वविद्यालयों में केंद्र प्रायोजित स्कीमों के क्रियान्वयन और शैक्षणिक आधारभूत व्यवस्था का यूजीसी (University Grant Commission) की टीम जायजा लेगी। यूजीसी की टीम 23 से 28 अगस्त तक छह दिवसीय दौरे पर रहेगी। इस दौरान प्रत्येक विश्वविद्यालय में कुलपति, उपकुलपति, कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक, डीन और वित्त अधिकारियों के साथ तय एजेंडे पर बैठक करेगी। इस दौरे के क्रम में यूजीसी की टीम का कैंप पटना विश्वविद्यालय में रहेगा। शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि 23 अगस्त को मुजफ्फरपुर के बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय (BRA Bihar University) से यूजीसी की टीम अपने निरीक्षण व बैठक की शुरुआत करेगी।
325 अंगीभूत कालेजों के खर्च का ब्योरा तलब
राज्य के सभी 325 अंगीभूत महाविद्यालयों को यूजीसी से मिले अनुदान के खर्च का हिसाब भी लेगी। इसके पहले विश्वविद्यालयों से कहा गया है कि अनुदान राशि के खर्च का पूरा ब्योरा कालेजों से जरूर मंगा लें। विश्वविद्यालय मुख्यालय स्तर पर यूजीसी की टीम की होने वाली बैठक में प्राचार्य या उनके प्रतिनिधि कालेज का खाता-बही लेकर शामिल होंगे और उन्हें अनुदान खर्च का ब्योरा यूजीसी की टीम के सामने रखना होगा। जो कालेज अपना सारा हिसाब किताब क्लियर देंगे और उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करेंगे, उन्हें यूजीसी द्वारा आनस्पाट सेटलमेंट लेटर दे दिया जाएगा। बिना सेटलमेंट लेटर के यूजीसी द्वारा कालेजों को कोई भी फंड नहीं दिया जाएगा।
विश्वविद्यालयों में इस तिथि को होगी बैठक
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23 अगस्त को बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, 24 को पटना विश्वविद्यालय, जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा एवं वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा, 25 को मगध विश्वविद्यालय, बोधगया तथा पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, 26 को तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय और मुंगेर विश्वविद्यालय, 27 को बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा, पूर्णिया विश्वविद्यालय एवं ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय तथा 28 अगस्त को कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के साथ यूजीसी की टीम बैठक करेगी।
कल से 28 अगस्त तक प्रदेश के विश्वविद्यालयों की जांच करेगी यूजीसी की कमेटी