दाउदनगर-नासरीगंज सोनपुल बनाने का काम साल 2014 में ही शुरू हुआ था और लक्ष्य रखा गया कि 2 साल के भीतर निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। लेकिन ने कई वजहों से निर्माण कार्य बाधित रहा और आठवें साल में भी इसका निर्माण कंप्लीट नहीं हो सका है। निर्माणाधीन सोन फुल के कार्यस्थल का गुरुवार को जिले के डीएम सौरव कुमार ने अवलोकन किया। डीएम ने वास्तविक स्थिति को समझा।
बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड को इस पुल के निर्माण का जिम्मा सौंपा गया है। प्रताप बिल्डर को निगम ने काम दिया है और निर्माण का काम जारी है। जिले के डीएम को इस परियोजना के इंचार्ज अमित कुमार सिंह ने यह भरोसा दिलाया है कि निर्माण का जून महीने तक पूरा किया कर लिया जाएगा। इंचार्ज ने जानकारी दी कि तकरीबन 5 प्रतिशत ही काम करना बाकी रह गया है। जिसे मई के अंत तक या जून के पहले सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा जिसके बाद यह पुल आम जनों के लिए खुल जाएगा।
दाउदनगर-नासरीगंज सोनपुल का जो हिस्सा बन रहा है उस में देरी होने का मुख्य वजह जमीन अधिग्रहण को बताया गया है। तरारी के किसान अपनी भूमि को व्यवसायिक कैटेगरी के निर्धारित मूल्य के मुताबिक मुआवजे की मांग को लेकर समय-समय पर काम में बाधा डालते रहे हैं। गत महीने काफी विवाद हुआ और किसानों ने काम को रुकवा दिया। फिर पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में निर्माण शुरू हुआ और संभावना है कि ट्रंपेट इंटरचेंज का कार्य पूर्ण होगा।
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बता दें कि दाउदनगर नासरीगंज सोनपुल व बाकी पुलों का निर्माण कार्य का पूरा हो गया है। सोन पुल का प्रारंभिक केंद्र एनएच 139 के दाउदनगर-औरंगाबाद मार्ग में दाउदनगर नासरीगंज है। यहां ट्रंपेट इंटरचेंज का निर्माण चल रहा है। यानी नेशनल हाईवे से होकर गुजरने वाले लोगों को नासरीगंज रोहतास के रास्ते बनारस जाना है तो यहीं पर ट्रंपेट इंटरचेंज का उपयोग करके पुल पर चढ़ेंगे। ट्रंपेट इंटरचेंज का कार्य पूरा नहीं होने के वजह से यात्रियों द्वारा एनएच 139 से लेकर दाउदनगर-बारुण मार्ग तक के भाग का उपयोग नहीं हो रहा।