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इंटर की पढ़ाई के बाद सरकार उठाएगी छात्रों का खर्च, ऐसे उठाएं छात्रवृत्ति का लाभ

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के द्वारा अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को हायर एजुकेशन देने की योजना तैयार की गई है। इस श्रेणी के छात्रों में जागरूकता हेतु शिक्षा विभाग के अफसरों को जिम्मा दिया गया है। बीआरपी मुकेश सिंह‌ बताते हैं कि अगर अनुसूचित जाति के विद्यार्थी हायर एजुकेशन हासिल करना चाहे तो उन्हें वित्तीय परेशानी की दिक्कत नहीं झेलनी पड़ेगी। भारत सरकार केंद्रीय छात्रवृत्ति योजना से उन्हें वित्तीय सहयोग करेगी। विभाग ने इस योजना का लाभ देने के लिए नियम तैयार किया है, जिसका पालन करना जरूरी होगा।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के द्वारा अनुसूचित जाति के छात्रों को उच्च शिक्षा देने के लिए एक केंद्रीय छात्रवृत्ति स्कीम के तहत पूर्ण आर्थिक सहयोग भी जाएगी। इस योजना का लाभ अनुसूचित जाति के विद्यार्थी इंटरमीडिएट तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद ले सकेंगे। इस योजना से जुड़कर अनुसूचित जाति के छात्र आईआईटी, आईआईएम, आईआईआईटी, एनआईटी, एआईआईएमएस, एनआईएफटी, एनआईडी, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ होटल मनेजमेंट सहित केंद्र सरकार के अन्य सरकार ने देश के 256 सूचित संस्थानों में यह फैसिलिटी प्रदान कराई है।

केंद्रीय स्कॉलरशिप स्कीम के लिए अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के सिलेक्शन होने के बाद उन्हें निर्वाह खर्च, शिक्षण शुल्क, कंप्यूटर, स्टेशनरी, पुस्तक, लैपटॉप के लिए सरकार के द्वारा राशि दी जाएगी। इस राशि को विद्यार्थियों को रिफंड नहीं करना पड़ेगा। बता दें कि इस योजना का लाभ लेने के लिए अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को पोर्टल के जरिए ऑनलाइन आवेदन केंद्र सरकार को करना होगा। बीआरपी का कहना है कि अनुसूचित जाति के काफी होनहार छात्र जो वित्तीय स्थिति खराब होने के चलते उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे थे और अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते थे, उनके लिए यह योजना असरदार साबित होगा।

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