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मुश्किल में पड़ीं देश की पहली ट्रांसजेंडर विधायक, मामला हुआ दर्ज

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे आने से पहले पूर्व विधायक शबनम मौसी की मुश्किलें खड़ी होती दिख रही हैं. आदर्श आचार संहिता नियमों के उल्लंघन मामले में शबनम मौसी के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.

दरअसल, आदर्श आचार संहिता के दौरान पूर्व विधायक शबनम मौसी ने अपनी पिस्टल थाने में जमा नहीं की थी, जिसकी वजह से कोतवाली में उनके खिलाफ केस हुआ है. बता दें विधानसभा चुनाव के चलते निर्वाचन आयोग ने प्रदेश भर में लाइसेंसी शस्त्र जमा करने के निर्देश दिए थे. निर्वाचन आयोग के इन निर्देशों के बाद प्रदेश भर में 2 लाख 69 हजार 297 से ज्यादा लाइसेंस जमा किए गए थे. जबकि 758 हथियार जमा नहीं होने पर इनके लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए थे. इसी प्रक्रिया में पूर्व विधायक शबनम मौसी द्वारा भी अपनी पिस्टल जमा नहीं की थी.

नतीजतन उनकी पिस्टल का लाइसेंस भी निरस्त कर दिया गया था. अब अनूपपुर कोतवाली थाने में शबनम मौसी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है. शबनम मौसी के खिलाफ धारा 188 एवं 29, 30 आम्र्स एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है.

बता दें शबनम मौसी देशी की पहली किन्नर विधायक हैं. वर्ष 2000 में हुए उपचुनाव में मध्यप्रदेश के शहडोल जिले की सोहागपुर विधानसभा सीट से शबनम मौसी चुनाव जीतकर देश की पहली किन्नर विधायक बनी थी. इस बार शबनम मौसी ने चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन वे सामाजिक गतिविधियों में लगातार सक्रिय रहती है. शबनम मौसी के पास दो लाइसेंसी शस्त्र है, जिनमें एक 12 बोर की दोनाली बंदूक और एक पिस्टल. उन्होंने बंदूक तो थाने में जमा कर दी थी, लेकिन पिस्टल जमा नहीं की थी.

बता दें आदर्श आचार संहिता के दौरान निर्वाचन आयोग के निर्देशों पर प्रदेश भर के विभिन्न थानों में 2 लाख 69 हजार 297 से ज्यादा लाइसेंसी हथियार जमा हुए. जबकि 758 हथियारों के लाइसेंस निरस्त किए गए थे. आदर्श आचार संहिता के दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने 3 हजार 135 अवैध हथियार जब्त किए. इसके अलावा 759 गोलियां और 3921 विस्फोटक पदार्थ बरामद किए थे.

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