भारतीय सेना के शस्त्रागार में जल्द ही एक ऐसे ब्रह्मास्त्र की एंट्री होने जा रही है जो दुश्मन को ढूंढ कर मार गिराएगा. हम उसी ड्रोन की बात कर रहे हैं जिसने कुछ दिन पहले ही अफगानिस्तान के काबुल में छिपे अलकायदा सरगना अयमान अल-जवाहिरी को मार गिराया था. भारत इस ड्रोन को अमेरिका से खरीदने की प्रक्रिया में लगा हुआ था और अब ये प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है.
भारतीय सेना को मिला नया ब्रह्मास्त्र
हम जिस अचूक ब्रह्मास्त्र की बात कर रहे हैं वो है MQ9 Reaper ड्रोन. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये दुश्मन को अपने आने-जाने की भनक ताक नहीं लगने देता. भारत इस अचूक अस्त्र के लिए करीब 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक कीमत दे रहा है. इस ड्रोन ने भारत LAC पर निगरानी रखेगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा तैयार गए MQ9 Reaper की खरीद के लिए नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच बातचीत चल रही है. इसके अलावा ड्रोन तैयार करने वाली कंपनी जनरल एटॉमिक्स ग्लोबल कॉरपोरेशन के मुख्य कार्यकारी डॉ. विवेक लाल के अनुसार ड्रोन की खरीद के लिए बातचीत अपने अंतिम चरण में है.
बिना पायलट के भरेगा उड़ान
अमेरिका के लिए हंटर-किलर यूएवी श्रेणी में रखा गया ये एमक्यू 9 रीपर ड्रोन लॉन्ग रेंज एंड्योरेंस ड्रोन है. पायलट रहित MQ 9 रिपर हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस रहता है. इसे जॉय स्टिक के जरिए दूर बैठकर कंप्यूटर से उड़ाया जाता है. 1900 किलोमीटर की रेंज के साथ ये ड्रोन अपने साथ 1700 किलोग्राम वजन का हथियार लेकर जा सकता है.
इसे चलाने के लिए दो कंप्यूटर ऑपरेटर्स की जरूरत होती है, जो ग्राउंड स्टेशन पर बैठकर वीडियो गेम की तरह इसे चलाते हैं. बता दें कि इस ड्रोन की लंबाई 36.1 फीट, विंगस्पैन 65.7 फीट, ऊंचाई 12.6 फीट होती है. ड्रोन का खाली वजन 2223 किलोग्राम होता है. जिसमें 1800 किलोग्राम ईंधन की क्षमता होती है.
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MQ-9B गजब की है क्षमता
482 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलने वाला MQ 9 रीपर 50 हजार फीट की ऊंचाई से दुश्मन को देखकर उसपर मिसाइल से हमला कर सकता है. हालांकि, यह आमतौर पर 25 हजार फीट की ऊंचाई पर ही उड़ाया जाता है. दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने के लिए इतनी उंचाई इसके लिए काफी है.
खास तरह के रडार युक्त एमक्यू 9 रीपर का पहला राडार AN/DAS-1 MTS-B Multi-Spectral Targeting System किसी भी तरह के टारगेट को खोजकर उसपर हमला करने में मदद करता है. वहीं AN/APY-8 Lynx II radar नामक दूसरा रडार निगरानी और जासूसी में मदद करता है. इसके साथ ही तीसरा रडार Raytheon SeaVue Marine Search Radar के जरिए यह ड्रोन समुद्र की गहराई में छिपी पनडुब्बियों को भी खोज लेता है.