हर साल 22 मार्च के दिन को बिहार दिवस (Bihar Diwas 2021) के रूप में मनाया जाता है। 1912 में अंग्रेजों द्वारा बंगाल प्रेसीडेंसी से राज्य को अलग करने के बाद से ये दिवस मनाया जाता है। हर साल बिहार सरकार आज के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित करती है, जो राज्य और केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाली सभी कंपनियों, कार्यालयों और स्कूलों पर लागू होता है।
क्यों मनाया जाता है बिहार दिवस?
दरअसल 22 अक्टूबर, 1764 को बक्सर का युद्ध (Battle of Buxar) हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना और बंगाल के नवाब, अवध के नवाब, और मुगल राजा शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेना के बीच में लड़ा गया था। लड़ाई बक्सर में लड़ी गई थी और ईस्ट इंडिया कंपनी को इसमें बड़ी जीत हासिल हुई।
बंगाल के मुगलों और नवाबों की हार के कारण बंगाल के मुगलों और नवाबों ने प्रदेशों पर नियंत्रण खो दिया और दीवानी के अनुसार ईस्ट इंडिया कंपनी को राजस्व के संग्रह और प्रबंधन का अधिकार मिल गया। उस समय बंगाल प्रेसीडेंसी में पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उड़ीसा और बांग्लादेश का वर्तमान इलाका शामिल था।
1911 में, किंग जॉर्ज पंचम का दिल्ली में राज्याभिषेक किया गया और ब्रिटिश भारत की राजधानी दिल्ली को बना दिया गया। 21 मार्च, 1912 को, थॉमस गिब्सन कारमाइकल ने बंगाल के नए गवर्नर का पद संभाला और घोषणा की कि अगले दिन, 22 मार्च से बंगाल प्रेसीडेंसी को बंगाल, उड़ीसा, बिहार और असम के चार सुभाषों में विभाजित किया जाएगा। इसलिए ही 22 मार्च को बिहार दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
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कैसे मनाया जाता है बिहार दिवस?
आज के दिन राज्य सरकार बड़े-बड़े अयोजन कर बिहार दिवस मनाती है, जिसमें कई बड़ी बॉलीवुड हस्तियां भी अपनी कला प्रदर्शन करती हैं। हालांकि, चल रही कोरोनोवायरस महामारी के कारण इस बार बिहार दिवस पर कम प्रोग्रोम आयोजित होंगे।
इसलिए दूसरे राज्यों में Covid-19 मामलों आई तेजी को ध्यान में रखते हुए, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (BEPC), बिहार दिवस समारोह के लिए नोडल एजेंसी, ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों और गतिविधियों के साथ छोटे स्तर पर कार्यक्रम मनाने का फैसला किया है। कार्यक्रम का आयोजन ज्ञान भवन में होगा।