राजेंद्र नगर स्थित मोइनुल हक स्टेडियम के पास डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी बनने से राजधानी पटना के इतिहास और विकास में एक और नया आयाम जुड़ने जा रहा है। साइंस सिटी देश-विदेश के विज्ञान प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित तो करेगा ही साथ ही यह बच्चों के लिए भी काफी ज्ञानवर्धक साबित होगा।
बिहार के बच्चों को विज्ञान के प्रति जागरूक और एक नए रूप में परिभाषित करने के वाला एक ऐसा संस्थान होगा, जहां वृहद पैमाने पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। भवन निर्माण विभाग द्वारा तैयार किये जा रहे डॉ. एपीजे अब्दुल कलम साइंस सिटी का भवन अप्रैल, 2022 तक बन कर तैयार हो जाएगा। 22 एकड़ में लगभग 540 करोड़ की लागत से तैयार हो रहे इस भवन की पांचों गैलरी की डिजाइन दिसंबर तक तैयार हो जाएगी, पहली गैलरी का डिजाइन बन कर पूरा हो गयी है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी परियोजना की परिकल्पना 2012 में हुई थी और वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस साइंस सिटी की नींव रखी थी। साइंस सिटी के पहले फ्लोर पर छात्रावास का निर्माण किया जाएगा। यह उन स्कूली बच्चों के लिए होगा जो साइंस सिटी भ्रमण करने आएंगे। छात्रावास में 250 बच्चों के रुकने की व्यवस्था होगी।
प्रमुख वैज्ञानिकों की जीवनी व कार्य को देखेंगे और समझेंगे
एक्सपेरिमेंट के दौरान विजिटर्स के मन में वैज्ञानिक चेतना जागेगी और वे विज्ञान को समझने की कोशिश करेंगे। आगे बढ़ते हुए इन विजिटर्स को मोटिवेट किया जाएगा। इसके अलावा वे प्रमुख वैज्ञानिकों के जीवनी के कार्य को देखेंगे और समझेंगे। यह सब एक इंट्रैक्टिव प्लेटफार्म की मदद से किया जाएगा। गैलरी के आखिरी में वे एक चुने गए वैज्ञानिक के साथ सेल्फी भी ले सकेंगे। गैलरी लगभग 4400 स्कावयर फीट एरिया तक में फैली है। यह पांचों गैलरियों में सबसे छोटी गैलरी है। हर गैलरी की उंचाई 20 फीट है। एनर्जी के लेवल के मामलों में यह भवन सेल्फ ससटेनेबल होगा।
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Input: Daily Bihar