बंगाल की खाड़ी में इस समय चक्रवात सक्रिय हो रहा है। अगले 24 घंटों में इसका असर नज़र आना शुरू हो जाएगा। भारतीय मौसम विभाग IMD ने ताजा अनुमान में कहा है कि 9 से 11 अक्टूबर को उत्तर भारत के कुछ राज्यों में भारी बारिश हो सकती है। 9 अक्टूबर -11 अक्टूबर तक तेलंगाना में भारी वर्षा हो सकती है। इसके बाद अगले दो दिनों में दक्षिण भारत में यह क्रम देखा जाएगा।
16 अक्टूबर को एक नया मौसमी सिस्टम बंगाल की खाड़ी में विकसित होने की तैयारी कर रहा है। यह अक्टूबर महीने का तीसरा सिस्टम होगा। 9 और 10 अक्टूबर को बंगाल की दक्षिण-पूर्वी खाड़ी में पूर्व अंडमान सागर और उससे सटे उत्तर अंडमान सागर पर समुद्र की हालत बहुत संवेदनशील हो जाएगी।
10 और 11 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल की खाड़ी, बंगाल की उत्तरी खाड़ी के साथ-साथ आंध्र प्रदेश और ओडिशा तट इससे प्रभावित होंगे।इस राज्य में 11 व 12 अक्टूबर को भारी से भारी बारिश की सम्भावनाअंडमान निकोबार एवं पूर्व केन्द्रीय बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात 9 अक्टूबर को कम दबाव में तब्दील हो जाएगा। इसके 24 घंटे बाद बारिश होने की सम्भावना है। इसके बाद 11 अक्टूबर शाम के समय उत्तर आन्ध्र प्रदेश एवं दक्षिण ओडिशा के तट से होते हुए स्थल भाग को पार करने का अनुमान मौसम विभाग ने लगाया है।
इसके प्रभाव से 11 एवं 12 अक्टूबर को मालकानगिरी, कोरापुट, गजपति, रायगड़ा एवं गंजाम जिले में भारी से भारी बारिश होने की सम्भावना है। उसी तरह से पुरी, कंधमाल, खुर्दा, जगतसिंहपुर, कालाहांडी एवं नवरंगपुर जिले में भी भारी बारिश हो सकती है। ऐसे में मौसम विभाग की तरफ से इन जिलों के लिए पीली चेतावनी जारी की गई है। तटीय इलाकों में 45 से 50 किमी. की रफ्तार से हवा चलने की सम्भावना है।
ऐसे में समुद्र में जाने वाले मछुआरों को 10 अक्टूबर तक वापस आ जाने की मौसम विभाग ने सलाह दी है। 11 अक्टूबर को मछुआरों को समुद्र में ना जाने की मौसम विभाग ने हिदायत दी है। हालांकि अगले दो दिन तक राज्य में बारिश होने की सम्भावना कम है।जानिये देश में कैसा रहेगा मौसम
मौसम विभाग के अनुसार नौ अक्टूबर से बंगाल खाड़ी में एक बार फिर लो प्रेशर के जन्म लेने की संभावना है। लो प्रेशर अगले 24 घंटे में डीप डिप्रेशन में बदल सकता है। इससे ओडिशा व आंधप्रदेश के तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश का अनुमान है। ओडिशा से सटे होने के कारण झारखंड में भी इसका प्रभाव दिख सकता है। खाड़ी के बादल डीप डिप्रेशन की ओर जाएंगे, जिससे धनबाद में भी तेज बारिश की संभावना बन रही है।
दूसरी ओर मानसून एक्सपर्ट डॉ. एसपी यादव बता रहे हैं कि बिहार के आसपास बने लो प्रेशर के फिडर बादल टुकड़ों में मध्यप्रदेश की ओर जा रहे हैं। फिडर बादलों का ट्रैक धनबाद से गुजर रहा है। इस वजह से जोरदार गरज के साथ रह रह कर बारिश की संभावना बन रही है।
All India Weather Forecast & Warning video based on 08:30 hours IST of 08-10-2020 pic.twitter.com/FuZx86J10P
— India Meteorological Department (@Indiametdept) October 8, 2020
मौसम के लिहाज से अक्टूबर का महीना बहुत अहम
स्कायमेट वेदर के अनुसार अक्टूबर का महीना भारत में मौसम में बड़े बदलाव लेकर आता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अक्टूबर में आमतौर पर बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर मौसमी सिस्टम विकसित होते हैं और यह पश्चिमी तथा उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ते हुए ओडिशा तथा आंध्र प्रदेश के तटों से टकराते हैं। एक तरफ जहां दक्षिण-पश्चिम मॉनसून वापस जा रहा होता है वहीं दूसरी ओर 15 से 20 अक्टूबर के बीच दक्षिण भारत में उत्तर पूर्वी मॉनसून दस्तक देता है। इसके अलावा बड़ा बदलाव समुद्री तूफानों के रूप दिखाई देता है।
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अक्तूबर महीने में बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान बनने की संभावनाएं सबसे ज़्यादा होती हैं। इस समय बंगाल की खाड़ी में समुद्र की सतह का तापमान औसत से ऊपर चल रहा है और विंडशियर कम है, इसी कारण खाड़ी काफी सक्रिय है। बंगाल की खाड़ी के उत्तरी और मध्य भागों में तापमान में नवंबर से गिरावट आनी शुरू हो जाती है।
लेकिन दक्षिणी भागों में तापमान नवंबर में भी गर्म रहते हैं इसलिए नवंबर में निम्न दबाव के क्षेत्र, डिप्रेशन या तूफान बनने की लोकेशन बदल जाती है और यह दक्षिणी अंडमान सागर या दक्षिण बंगाल की खाड़ी पर विकसित होने लगते हैं। इसीलिए नवंबर और दिसंबर में बनने वाले चक्रवाती तूफान आमतौर पर पश्चिमी उत्तर पश्चिमी दिशा में बढ़ते हुए दक्षिणी आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु के तटों की तरफ आते हैं।
साभार: skymetweather.com
All India Weather Forecast & Warning video based on 08:30 hours IST of 06-10-2020 pic.twitter.com/Adm39EFXDE
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Input: Nayi Dunia