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UPSC में वैशाली की बेटी को मिला 71वां रैंक, इंटरव्यू में पूछा गया था यह सवाल! श्रेया ने सुनाई कविता

बिहारियों के लिए अक्सर एक मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। या तो बिहारी कुछ नहीं करते या सीधे IAS बनते है।

मुहावरे का पहला हिस्सा चाहे जो भी हो दूसरे हिस्से की बात सत प्रतिशत सत्य है। हर साल UPSC यानी सिविल सेवा की परीक्षा में बिहार के विद्यार्थियों का जलवा रहता है और इस बार भी है।

वैशाली की बेटी ने बढ़ाया मान

वैशाली जिले की एक बेटी ने अपने मेहनत और मजबूत इच्छाशक्ति से जिले और राज्य गौरव प्रदान किया है। वैशाली जिले के हाजीपुर के सुल्तानपुर पंचायत मंगूरही की श्रेया श्री ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) 2021 के फाइनल रिजल्ट 71 वा स्थान हासिल किया।

श्रेया के रिजल्ट पर पूरे इलाके में ख़ुशी का माहौल है, आसपास के लोग लगातार बधाई देने श्रेया श्री के घर पहुंचने लगे है। लेकिन आज हम आपको बताएँगे उस खास बात के बारे में जो श्रेया के साथ इंटरव्यू में हुआ था। जानेंगे आखिर श्रेया से इंटरव्यू में किस तरह के प्रश्न पूछे गए और फिर श्रेया ने एक कविता भी सुनाई।

इंटरव्यू में सुनाई कविता

दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक UPSC में 71वीं रैंक लाने वाली बिहार की श्रेया से भी इंटरव्यू में उलझाने वाले सवाल किए गए। सवालों के साथ इंटरव्यू में श्रेया से कविता भी सुना गया। इसके अलावा इंटर नेशनल रिलेशन और सोशल मीडिया व देश की इकोनॉमी पर भी सवाल किया गया।

इंटरनेशनल रिलेशन पर श्रेया ने कहा कि दुनिया में किसी भी देश को सेल्फ इंटरेस्ट पर काम करना चाहिए, लेकिन दुनिया का नियम नहीं तोड़ा जाना चाहिए। अपनी सुरक्षा पड़ोसी देशों की सुरक्षा पर भी संभव है। सोशल मीडिया को क्या समझती हैं, इस पर अंकुश लगाया जाना चाहिए या नहीं। सिविल सर्वेंट को सोशल मीडिया यूज करना चाहिए या नहीं, श्रेया का जवाब था लिमिट में करना चाहिए।

बिना कोचिंग मिली सफलता

बताते चले कि श्रेया के पिता दिनेश चौधरी बैंक कर्मी है, पूर्व में वह भारतीय वायु सेना में कार्यरत थे। श्रेया ने मध्य प्रदेश के पिछड़े से जिले सिंगरौली के सरकारी स्कूल से कक्षा 10वीं व 12वीं की पढाई की थी।

इसके बाद सीधा उन्होंने आईआईटी कानपुर में दाखिला लिया, जहां से उन्होंने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय लिया और बिना कोचिंग किए है सफलता हासिल की।

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