बर्मिंघम में हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने अब तक 18 मेडल अपने नाम कर लिए हैं. देश के खाते में 5 गोल्ड, 6 सिल्वर और 7 कांस्य पदक शामिल है. भारत के हाई जंपर तेजस्विन शंकर ने ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में भारत को पहली बार पदक दिलाकर इतिहास रच दिया. इससे पहले भारत ने इस खेल में कोई पदक नहीं जीता था.
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एक छलांग से रच दिया इतिहास
तेजस्विन शंकर ने हाई जंप प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए फाइनल मुकाबले में 2.22 मीटर के जंप के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया. इसी के साथ भारत के नाम एक और मेडल आ गया.
पहले भारतीय टीम में नहीं चुने गए थे तेजस्विन
तेजस्विन राष्ट्रमंडल खेलों (CWG 2022) में हाई जंप में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. लेकिन तेजस्विन का कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में हिस्सा लेने को लेकर संदेह बना हुआ था. सबसे आखिर में उनका नाम भारतीय टीम में शामिल हुआ. प्रतियोगिता शुरू होने के तीन दिन पहले ही वो बर्मिंघम पहुंचे थे.
दरअसल, एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने शुरुआत में यूएसए में प्रैक्टिस कर रहे तेजस्विन शंकर को भारतीय एथलीट टीम से बाहर कर दिया था. इसके पीछे का जो कारण बताया गया वो था उनका भारत की राष्ट्रीय अंतरराज्यीय मीट में हिस्सा ना लेना.
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हाईकोर्ट से मिली मंजूरी
हालांकि चयन ना होने को लेकर तेजस्विन शंकर ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए तेजस्विन के हक़ में फैसला सुनाया और राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने की मंजूरी दे दी. हाईकोर्ट ने एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और भारतीय ओलंपिक संघ को आदेश दिया कि तेजस्विन को कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लिए भारतीय टीम में शामिल किया जाए.
अंत में उन्हें कॉमनवेल्थ के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया. उन्हें घायल धावक अरोकिया राजीव की जगह पर टीम में जोड़ा गया. अब तेजस्विन एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया को अपनी काबलियत दिखाकर ना सिर्फ उनके भरोसे पर खरे उतरे बल्कि भारत को पहली बार हाई जंप में मेडल दिलाकर इतिहास रच दिया.
इससे पहले तेजस्विन कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में 6 वें स्थान पर थे. उनके नाम हाई जंप में राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी है. उन्होंने 2.27 मीटर जंप लगाया है. वहीं उनका पर्सनल बेस्ट हाई जंप 2.29 मीटर का है.