अपनी मौत के ढाई वर्ष बीत जाने के बावजूद सिने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आज भी पूर्णिया जिले के मल्लडीहा गांव की गलियों में जिन्दा है। मल्लडीहा गांव के लोग इस घटना के ढाई बर्ष बीत जाने के बाद भी अपने हीरो को भूला नहीं पाए हैं। समूचे गांव के लोगों के ना सिर्फ जुबान पर बल्कि लोगों के दिलों में सुशांत सिंह राजपूत अभी भी राज कर रहे हैं।
मल्लडीहा गांव के लोगों ने एक स्वर में कहा कि याद उसे किया जाता है जिसे लोग भूल जाते हैं। सभी ने कहा कि सुशांत आज भी गांव की गलियों में, यहां की फिजाओं में और यहां के लोगों के दिलों में जिंदा है। हालांकि इस मामले के ढाई वर्ष बीत जाने के बावजूद मौत से पर्दा नहीं उठने का मलाल अभी भी मल्लडीहा गांव के लोगों को है।
उनके बचपन के मित्र ललित कुमार सिंह, संतोष कुमार सिंह, सोनू कुमार सिंह ने बताया कि मौत के ढाई वर्ष बीत जाने के बाद भी ऐसा लगता है कि वह अभी भी जिन्दा है। सुशांत के मित्रों ने बताया की ऐसा लगता है की वह मरा ही नहीं है, बल्कि वह अभी कुछ समय बाद अवश्य अपने गांव लौटेगा और अपने परिजनों एवं मित्रों के साथ बिषहरी मंदिर दर्शन के लिए जायेगा। आम के बगीचा में आम तोड़ेगा। मित्रों के साथ क्रिकेट खेलेगा। मल्लडीहा गांव का वह मचान जिस पर गांव आने के बाद सिने अभिनेता घंटो बैठकर अपने मित्रों के साथ ठहाके लगाता था। उसके मौत के ढाई वर्ष बीत जाने के बाद उसके बगैर सूना है। गांव के लोग उस मचान पर जब भी बैठने आते हैं तो उसकी चर्चा किए बिना कोई वहां से जाता नहीं। अभी भी लोगों को लगता है कि वह एक दिन फिर इस मचान पर आकर बैठेगा। परन्तु उनके मित्रों का यह सपना अब कभी पूरा नहीं हो पायेगा।
चकाचौंध के बावजूद घमंड से कोसों दूर रहता था हीरो
सुशांत सिंह राजपूत के दोस्त संतोष कुमार, ललित कुमार, सोनू कुमार, रौशन कुमार,ओंकार सिंह,राजू सिंह आदि ने बताया कि मुंबई के चकाचौंध में रहने के बावजूद उसे किसी प्रकार का घमंड नहीं था। दोस्तों ने बताया की वह जब भी अपने गांव आता था बिषहरी मंदिर और चर्चित बरुनेश्वर मंदिर दर्शन के लिए अवश्य जाता था। उसके दोस्तों ने बताया कि मंदिर पहुंचने के बाद वह सर्वप्रथम माता बिसहरी के आगे अपना मस्तक झुकाते थे। इसके बाद ही वह कोई अन्य काम करता था।
फिल्म में ही नहीं गांव के मैदान में भी लगाते थे छक्के
सिने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत दोस्तों के साथ घंटों में क्रिकेट खेलते थे। वह एमएस धोनी फिल्म में ही नहीं बल्कि अपने गांव के मैदान में भी छक्के लगाते थे। उनके मित्रों ने बताया कि बचपन में वह जिस मध्य विद्यालय मल्लडीहा के खेल मैदान में बच्चों संग क्रिकेट खेलता था। हीरो बनने के बाद वापस गांव आने पर वह उस मैदान में फिर बल्ला लेकर उतरा था। मल्लडीहा गाँव के युवाओं के द्वारा कुछ दिनों पूर्व सिने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के याद में सुशांत सिंह मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट कराने का काम भी किया था। ढाई वर्ष बाद भी सिने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मल्लडीहा गांव के गलियों में जिन्दा है हीरो सुशांत
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