बिहार के बाहुबली नेता व सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को दिल्ली के ITO कब्रगाह में दफना दिया गया है। सोमवार शाम उन्हें सैकड़ों समर्थकों की मौजूदगी में दफनाया गया। इससे पहले परिवार की मांग पर उनका पोस्टमार्टम पंडित दीन दयाल अस्पताल में सोमवार की दोपहर डेढ़ बजे किया गया। उसके बाद उनके समर्थक अड़े रहे कि डेड बॉडी उन सबों को सौंप दी जाए। प्रशंसक उनके पार्थिक शरीर को सीवान ले जाना चाहते थे। हालांकि कोरोना गाइडलाइन के अनुसार सतर्क प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी।
तेजस्वी यादव ने कहा- हमने शव लाने की कोशिश की
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज सोशल मीडिया पर कहा कि हमने पूर्व सांसद के शव को सीवान लाने की पूरी कोशिश की थी। लेकिन सरकार ने हठधर्मिता अपनाते हुए टाल-मटोल कर आख़िरकार इजाज़त नहीं दिया। हम ईश्वर से मरहूम शहाबुद्दीन साहब की मग़फ़िरत की दुआ करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उन्हें जन्नत में आला मक़ाम मिले। उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है। राजद उनके परिवार वालों के साथ हर मोड़ पर खड़ी रही है और आगे भी रहेगी।
RJD ने न्यायिक जांच की मांग की
इधर शहाबुद्दीन की पार्टी RJD ने उनकी मौत की न्यायिक जांच की मांग की है। पार्टी के महासचिव अरुण कुमार, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के मुख्य प्रवक्ता इकबाल अहमद, अत्यंत पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रवक्ता उपेंद्र चंद्रवंशी युवा राजद के मनोज यादव और नरेंद्र यादव ने संयुक्त प्रेस बयान जारी किया है। कहा कि जिस प्रकार से खबरें सामने आ रही हैं उससे लग रहा है कि पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की मौत में कई रहस्य छुपे हुए हैं। उनकी मौत का मुख्य कारण कोरोना वायरस से संक्रमित होना है, परंतु मृत्यु के उपरांत उनकी रिपोर्ट निगेटिव कैसे आई।
पार्टी ने सवाल किया है कि उन्हें जिस वार्ड में रखा गया था, उसमें कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति को क्यों रखा गया? उनका इलाज एम्स में क्यों नहीं करवाया गया, जबकि उन्होंने कोर्ट में लिख कर दिया था कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल में उनकी जान को खतरा है। उन्हें नियमित दवाइयां नहीं दी जा रही थीं। पार्टी नेताओं ने कहा कि मौत की न्यायिक जांच होनी चाहिए और शहाबुद्दीन के जनाजे को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए।
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जीतनराम मांझी ने भी न्यायिक जांच की मांग की
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने भी पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की मौत की न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरिविंद केजरीवाल और बिहार के मुख्यंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि शहाबुद्दीन का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाए।
Input:Bhaskar