न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने नोएडा के सीईओ को 72 घंटे के भीतर एक बैठक बुलाने का भी निर्देश दिया जिसमें सभी संबंधित एजेंसियां मौजूद रहेंगी। पीठ ने कहा- सीईओ नोएडा इस अदालत के निर्देशों का पालन करने के लिये सभी आवश्यक कदम उठाएंगे, इस आदेश के दो सप्ताह बाद विध्वंस का काम शुरू होगा।
12 जनवरी को, शीर्ष अदालत ने नोएडा के सेक्टर 93-A में जुड़वां 40-मंजिला टावरों को ध्वस्त करने के अपने आदेशों का पालन नहीं करने के लिए बिल्डर की खिंचाई की और चेतावनी दी कि इसके निदेशकों को “अदालत के साथ खिलवाड़” करने के लिए जेल भेजा जायेगा।
पिछले साल 31 अगस्त को शीर्ष अदालत ने “नोएडा के अधिकारियों के साथ मिलीभगत” में भवन मानदंडों के उल्लंघन के लिए तीन महीने के भीतर निर्माणाधीन सुपरटेक लिमिटेड के जुड़वां 40 मंजिला टावरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया था, जिसमें कहा गया था कि अवैध निर्माण से सख्ती से निपटा जाना चाहिये। कानून के शासन का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।
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अदालत ने निर्देश दिया था कि बुकिंग के समय से घर खरीदारों की पूरी राशि 12 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस की जाये और एमराल्ड कोर्ट परियोजना के आरडब्ल्यूए को ट्विन टावरों के निर्माण के कारण हुये उत्पीड़न के लिये 2 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाये। इस निर्माण ने पुरानी आवास परियोजना के मौजूदा निवासियों के लिये सूरज की रोशनी और ताजी हवा को अवरुद्ध कर दिया था।