अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में बिहार का पहला 8 सीटर रोप-वे फरवरी में चालू हो जाएगा। देश-विदेश के पर्यटक काफी ऊंचाई से राजगीर की वादियों का लुत्फ उठा सकेंगे। इस रोप-वे के शुरू होते ही बिहार के पर्यटन उद्योग में एक नया आयाम जुड़ जाएगा। इस 8 सीटर रोप-वे का शनिवार को सफल ट्रायल किया गया। नए साल में अब पर्यटक इस नए रोप-वे का आनंद उठाएंगे।
ट्रायल के तहत सबसे पहले 8 सीटर रोप-वे के केबिन में इसकी क्षमता के अनुसार 640 किलो सामान रख चालू किया गया। सामान के वजन का ट्रायल जब सफल रहा तब केबिन में आठ व्यक्तियों को बैठाया गया। इन्हें लेकर जाने और वापस आने में भी किसी तरह की कोई कठिनाई नहीं हुई। यह देख राइट्स कंपनी के पदाधिकारी एवं कर्मियों के चेहरे खिल उठे।
अत्याधुनिक सुविधाओं से है लैस
ट्रायल के अवसर पर साइट इंचार्ज इंजीनियर प्रशांत कुमार ने बताया कि राज्य का पहला अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 8 चेयर रोप-वे का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। यह फरवरी में चालू हो जाएगा। जो भी कुछ तकनीकी काम बचा हुआ है उसे इसी महीने में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ट्रायल में सुरक्षा व्यवस्था पर पूरा ध्यान दिया गया था ताकि किसी प्रकार की तकनीकी समस्या नहीं हो। उन्होंने बताया कि काम पूर्ण रूप से खत्म होने के बाद PWD के अधिकारियों द्वारा जांच की जाएगी। जांच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अनुमति प्राप्त होते ही पर्यटकों के लिए इसे चालू कर दिया जाएगा। इन सभी कार्यों को इसी माह में पूरा कर लिया जाएगा।
ऑस्ट्रिया से लाया गया रोप-वे
इस रोप-वे को यूरोपीय महाद्वीप के ऑस्ट्रिया देश से लाया गया है। इस 8 सीटर केबिन में अब पर्यटकों को एकल रोप-वे की तरह बैठने की जरूरत नहीं होगी। इसकी तकनीक ऐसी है कि इसके केबिन में पर्यटकों की एंट्री व एग्जिट के क्रम में डोर ऑटोमेटिकली ओपन व क्लोज होगा। अपर व लोअर टर्मिनल स्टेशन पर पर्यटकों के सवार होने तथा बैठने के क्रम में केबिन रुका रहेगा। वहीं पर्यटक सवारियों से भरा केबिन अपने गंतव्य पर गतिमान रहेगा।
CM का निर्देश- बढ़ाया जाए टाइम
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इस रोप-वे की कुल लंबाई 1700 मीटर है। इसके लिए कुल 6 टावर लगाए गए हैं जिनकी ऊंचाई जमीन से एक हजार मीटर है। यह रोपवे 3:50 मिनट में नीचे से ऊपर जाएगा। हालांकि CM नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है कि इसका टाइम बढ़ाकर 5 मिनट किया जाए ताकि पर्यटक जब इस पर बैठें तो सुंदर पेड़- पौधे और पहाड़ों के मनोरम दृश्य को ठीक से देखकर इसका आनंद उठा सकें। बच्चे, वृद्ध और दिव्यांगों को केबिन में बैठने में कोई कठिनाई न हो इसकी व्यवस्था रहेगी।
पर्यटकों के लिए बाथरूम व पेयजल की सुविधा
रोप-वे के केबिन में चढ़ने के लिए यहां दो मंजिली बिल्डिंग भी बनाई गई है। इस बिल्डिंग की ऊंचाई 50 फीट है। इस इमारत में पर्यटकों के लिए बाथरूम, पेयजल और बैठने की व्यवस्था होगी। यह रोप-वे बिजली और जेनेरेटर से चलेगा। अगर दोनों फेल हो गए तो मैनुअली भी पर्यटकों को उतारा जा सकता है।
Input: BHaskar