अंतरराष्ट्रीय पर्यटक नगरी की वैभारगिरि पर जंगल में कोनार नगर गांव के सामने से लेकर मार्क्सवादी नगर तक एक किलोमीटर से अधिक दूरी में आग लगी है। इसमें लाखों रुपये की बेशकीमती लकड़ियां व जड़ी-बूटी जलकर राख हो गयी। ग्रामीणों ने बताया कि यह आग शनिवार की सुबह से ही लगी हुई है।
हालांकि वन विभाग के कर्मी आग को पीट-पीटकर बुझाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। लोगों ने कहा कि गर्मी आते ही हर साल राजगीर के जंगलों व पहाड़ों पर आग लगने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इससे हर साल लाखों रुपये की जड़ी-बूटी व लकड़ी जलकर राख हो जाती है।
इसके बाद भी वन विभाग या सरकार द्वारा अब तक इसपर काबू पाने के लिए कोई नयी तकनीक नहीं खोजी गयी है। इस अगलगी में जंगल में रहने वाले छोटे-छोटे जानवर से लेकर पक्षी तक को भागना पड़ता है। इलाके के गांवों से भी लोग आसानी से रात में देख सकते हैं। लोगों ने कहा कि यह काफी सालों से ऐसा होता रहता है। वहीं कुछ जानकार लोग यह भी कहते हैं कि लकड़ी चुनने वाले लोग कभी-कभार जंगल में बीड़ी पीकर फेंक देते हैं। इससे भी यह आग लगने की घटना होती है। वहीं किसी की राय यह होती है कि यह लकड़ी के घर्षण से होता है।
वन विभाग आग बुझाने में जुटा
डीएफओ डॉ. नेशामणि ने बताया कि आग लगने की सूचना मिली है। वन विभाग के कर्मी लगातार इसे बुझाने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें कोई पशु हताहत नहीं हुआ है। हालांकि वन विभाग इस तरह के आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठा रहा है, इसको लेकर विभाग के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है।
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Input: News4Nation