राज्य में बालू खनन को लेकर नीतीश सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। नदियों पर बने सभी पुलों के आसपास से बालू खनन पर रोक लगा दी गई है। दरअसल यह फैसला पुलों की नींव को हो रहे नुकसान की सूचना मिलने के बाद लिया गया है। सरकार ने नदियों पर बनाए गए पुल या निर्माणाधीन पुलों के आसपास बालू के खनन को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। ऐसा करने वालों के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी करते हुए कहा है कि पुलों की संरचना के आसपास बालू के खनन के कारण नदी के बहाव क्षेत्र में बदलाव हो रहा है और जिसकी वजह से पुलों की नींव को नुकसान पहुंच रहा है। विभाग ने कई पुलों के नाम का जिक्र करते हुए इसके संबंध में जानकारी दी है।
खासतौर पर फल्गु, पंचाने, सकरी, पुनपुन, बदुआ, चानन और गोईठवा जैसी नदियों को लेकर ऐसी जानकारी मिलने की बात कही गई है। मीणा ने कहा है कि पिछले 15 सालों में सुलभ संपर्कता और आवागमन के लिए सभी नदियों पर सैकड़ों पुलों का निर्माण कराया गया है। विभाग के संज्ञान में ऐसे कई मामले आए हैं जिसमें निर्मित फूलों के समीप बालू का खनन किया जा रहा है।
अब जिलों के डीएम इस बात की निगरानी कर आएंगे की फूलों के आसपास खनन नहीं हो। अगर ऐसा करता हुआ मामला सामने आया तो दोषियों के खिलाफ कड़ा एक्शन भी लिया जाएगा।
Input: FirstBihar
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