देश के लिए प्रसिद्ध प्राचीन विश्वविद्यालयों में से एक विश्वविद्यालय के करीब बटेश्वरस्थान स्थान के समीप देश के लंबे रेल पुलों में से एक के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। जो 2 किलोमीटर का यह पुल गंगा के दोनों किनारों को जोड़ देगा जिससे गंगा पार के क्षेत्र विक्रमशिला से सीधे जुड़ जाएगे सिलीगुड़ी के साथ अन्य क्षेत्रों के लोगों को भी विक्रमशिला पहुंचने में काफी आसानी होगी।
बता दें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए इस पुल का निर्माण कराया जाएगा। इसके साथ ही गुड़गांव की राइट्स लिमिटेड कंपनी को इसकी जिम्मेदारी दे दी जाएगी। रेल मंत्रालय ने कंपनी को डीपीआर तथा प्रोजेक्ट बनाने की जिम्मेदारी दे दी है और पूर्व मध्य रेलवे के अधीन बनने वाले पुल के साथ-साथ टोटल 32 किलोमीटर की रेल लाइन बिछाई जाएगी। पुल का एक भाग विक्रमशिला तथा दूसरा नवगछिया कटिहार रेल खंड के कटोरिया स्टेशन के समीप मिलेगा।
इसके द्वारा कोसी सीमांचल का सीधा संपर्क पूर्व बिहार से होगा। पुल निर्माण से भागलपुर से दिल्ली हावड़ा रेल खंड का भी जुड़ाव होगा पुल बनने से भागलपुर का सीधा कोसी और सीमांचल से रेल संपर्क जुड़ेगा जो कि 32 किलोमीटर नई रेल लाइन नवगछिया, कटिहार लाइन, भागलपुर, हावड़ा, हंसडीहा की ओर भागलपुर, दुमका रेल लाइन तथा मोहनपुर के समीप देवघर दुमका लाइन से मिलेगी
मिली थी 2016- 17 में रेल बजट को मंजूरी।
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बता दें पुल के निर्माण पर तकरीबन 2000 करोड़ रुपए का व्यय होगा। गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने इस पुल का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड की मीटिंग में दिया था। इसके पश्चात इसको मंजूरी भी मिल गई थी। संसद ने बताया की राइट्स कंपनी जल्द ही पुल का कार्य प्रारंभ कर देगी।