संयुक्त किसान मोर्चा ने छह फरवरी को 12 से तीन बजे तक चक्का जाम करने की घोषणा की है। इस दौरान सभी नेशनल और स्टेट हाईवे बंद रहेंगे। मोर्चा ने किसान नेताओं व मोर्चा के ट्विटर अकाउंट को सस्पेंड करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। मोर्चे के नेताओं का आरोप है कि आंदोलन स्थल की बिजली, पानी काटी जा रही है। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं हैं, शौचालयों की संख्या घटाई जा रही है। आवागमन के रास्ते बंद किए जा रहे हैं, ताकि आंदोलन को दबाया जा सके।संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को कुंडली बार्डर पर बैठक कर रणनीति बनाई। किसान नेताओं बलबीर सिंह राजेवाल, योगेंद्र यादव, डा. दर्शनपाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, प्रेम सिंह भंगू, परमेंद्र मान आदि ने बताया कि सरकार की दमनकारी नीति के विरोध में चक्का जाम किया जा रहा है।
आरोप लगाया कि लगातार युवाओं से मारपीट हो रही है। 26 जनवरी को जो वाहन जब्त किए गए हैं, इनके बारे में कोई अता-पता नहीं दिया जा रहा है। सरकार सड़कें खोदने के साथ गलियों के भी रास्ते बंद कर रही है। किसान नेताओं ने कहा कि ऐसे माहौल में सरकार से बातचीत का कोई औचित्य नहीं बनता है।
There will be a country-wide agitation on February 6; we will block roads between 12 pm and 3 pm, says Balbir Singh Rajewal, Bhartiya Kisan Union (R) pic.twitter.com/4o5tD6ckfR
— ANI (@ANI) February 1, 2021
22 लोग पुलिस हिरासत में
किसान नेताओं ने कहा कि ट्रैक्टर परेड के बाद से अभी तक कई लोग लापता हैं। अब तक उनके पास जो आधिकारिक जानकारी आई है, उसमें 122 लोगों के विभिन्न थानों में होने की बात कही गई है और 43 लोग जेल में हैं। दिल्ली और आसपास में किसान आंदोलन का 68 दिन हो चुका है।
कृषि क्षेत्र के लिए लाया जाए अलग से बजट : राकेश टिकैत
यूपी गेट पर धरना दे रहे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों के लिए अलग से बजट और कृषि ऋण को माफ करने की मांग की। उन्होंने कहा कि किसानों को मुफ्त बिजली देने की योजना भी सरकार को लानी चाहिए। बजट से निराशा जताई। कहा कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और एमएसपी की गारंटी सरकार दे, इसके बाद ही वह धरना समाप्त करेंगे। वह वार्ता के लिए तैयार हैं और नए सिरे से होनी चाहिए।
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दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था काफी मजबूत कर दी है। टीकरी बॉर्डर पर पहले यहां पर सीसी की दीवार बनाई गई थी। सात लेयर में बैरिकेडिंग कर रखी थी, मगर अब सड़क खोदकर उसमें लंबी-लंबी कीलें व नुकीले सरिया लगा दिए गए हैं। कीलों के अलावा पुलिस में मोटे सरिये को बेहद नुकीला बनाकर इस तरह से लगाया है कि बॉर्डर पार करके कोई गाड़ी अगर जबरन दिल्ली में घुसने की कोशिश करेगी तो गाड़ी का टायर फट जाएगा। बॉर्डर पर रोड रोलर भी अब खड़े कर दिए गए हैं ताकि किसान अगर दिल्ली में घुसने का प्रयास करें तो उन्हें रोकने के लिए रोड रोलर को सड़क पर खड़ा किया जा सके
सिंघु बार्डर पर भी पुलिस की ओर से अब सुरक्षा व्यवस्था ज्यादा कड़ी की जा रही है। इसी के मद्देनजर बैरिकेड्स को अब वेल्ड कर उनके बीच की जगह में रोड़ी, सीमेंट आदि डाल कर मजबूती दी जा रही है। गाजीपुर बॉर्डर किसान आंदोलन का केंद्र बन गया है। यहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. यहां रातो-रात 12 लेयर की बैरिकेडिंग भी लगा दी गई है। ज्ञात हो कि 26 जनवरी को हिंसा के बाद पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर से आंदोलकारियों को हटाने की कोशिश की थी, जिसके बाद किसान नेता राकेश टिकैत का रोता हुआ वीडियो सामने आया था। इस वीडियो के आने के बाद कमजोर पड़ता किसान आंदोलन फिर से रफ्तार पकड़ चुका है।
दहशत में है स्थानीय लोग
टीकरी बार्डर पर स्थित बाजारों में आंदोलनकारियों की दहशत है। वे हाथ में डंडे लिए घूम रहे हैं और स्थानीय लोगों को हमेशा अनहोनी का डर होता है। लेकिन, पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है। मुख्य सड़क से सटी गलियों व बाजारों में पुलिसकर्मी लगातार गश्त कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिसकर्मी जिस तरह से अपनी डयूटी का निर्वहन कर रहे हैं, उसकी जितनी तारीफ की जाए, कम है।
Input: JNN