मुजफ्फरपुर| पूर्व मध्य रेल मानसून की भारी बारिश से रेल पटरियों को बचाएगा। पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक के आदेश के बाद कवायद शुरू कर दी गई है ताकि बारिश में भी ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक नहीं लगे। पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार के अनुसार उत्तर बिहार में कई स्थानों पर रेल पटरियों पर पानी आ जाने एवं कई स्थानों पर पुलों पर बाढ़ के पानी के भारी दबाव के कारण रेल परिचालन बाधित हो जाता है।
मानसून के दौरान होने वाली परेशानियों से निपटने के लिए पूर्व मध्य रेल कई एहतियाती कदम उठा रहा है ताकि बाढ़ की स्थिति में जब रेल परिचालन बाधित हो तो जल्द से जल्द पुर्नबहाल किया जा सके। बाढ़-बारिश को लेकर 15 अक्टूबर तक पूर्व मध्य रेल अलर्ट मोड में है।
जलजमाव से बचाव के लिए किए गए समुचित प्रबंधक
बारिश के दौरान रेल पुलों अथवा रेलवे ट्रैकों के आस-पास जल-जमाव नहीं हो इसके लिए समुचित प्रबंध किए गए हैं। अधिकारियों की देख-रेख में लगातार इसकी निगरानी की जा रही है। चयनित स्टेशनों पर पत्थरों के बोल्डर, स्टोन डस्ट, सीमेंट की खाली बोरियां, बांस-बल्ली आदि पर्याप्त मात्रा में तैयार रखे गए हैं। सभी कल्वर्ट की सफाई की गई है।
साथ ही रेलवे ट्रैक पर पानी जमा नहीं हो इसके लिए नियमित अंतराल पर क्रास ड्रेन की व्यवस्था की गई है। सभी रेल पुलों पर बारिश के पानी के पैमाने के लिए डेंजर लेवल बनाए गए हैं। बारिश के दौरान जमा पानी को निकालने के लिए मोटर पंप आदि तैयार रखा गया है। रेल पटरियों की सुरक्षा हेतु चलाये जाने वाले सामान्य पेट्रोङ्क्षलग के साथ ही Óमानसून पेट्रोङ्क्षलगÓ की विशेष व्यवस्था की गई है जो रात में भी रेलवे पुलों एवं ट्रैकों की पेट्रोङ्क्षलग करेंगे।
एक नंबर ट्रैक पर रहता है जलजमाव
जंक्शन के एक नंबर प्लेटफॉर्म के ट्रैक पर बिना बारिश के ही जलजमाव बना रहता है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि आरआरआइ हो जाने से सिगनङ्क्षलग ऑफ होने का खतरा कम हो गया। फिर भी सही ड्रेनेज नहीं होने से जलजमाव की स्थिति जस की तस बनी हुई है। नए स्टेशन डायरेक्टर मनोज कुमार ने दो दिन पहले ही हिदायत दी थी कि रेलवे ट्रैक पर पानी नहीं लगना चाहिए। इंजीनियङ्क्षरग विभाग के अधिकारी पानी निकालने के प्रयास में लगे हुए हैं, लेकिन आउटलेट जाम की समस्या के कारण सही तरह से पानी का निकासी नहीं हो रही है।
Input:JNN
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