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मुंगेर मूर्ति विसर्जन गोलीकांड मामला: हाईकोर्ट की निगरानी में CID करेगी जांच

पिछले साल अक्टूबर माह में मुंगेर में दुर्गा पूजा के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई गोलीकांड मामले की सुनवाई करते हुए बुधवार को पटना हाईकोर्ट की तरफ से एक बड़ा आदेश दिया गया है. हाईकोर्ट ने केस की सुनवाई के दौरान सरकार के रवैये और पुलिस की जांच को लेकर सख्त नाराजगी जाहिर की. अदालत ने मुंगेर के कोतवाली थाना प्रभारी के अलावा इस केस से जुड़े तमाम पुलिस अफसरों को ट्रांसफर करने का आदेश दिया है. साथ ही यह भी आदेश दिया कि CID की जांच अब हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग में होगी. पिछले साल के अक्टूबर से लेकर इस साल के फरवरी महीने तक पुलिस की जांच में किसी प्रकार का कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया.

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गौरलतब है कि पिछले साल मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान 18 साल के अनुराग पोद्दार की मौत हो गई थी. अनुराग के पिता अमरनाथ पोद्दार ने 6 जनवरी 2021 को पटना हाईकोर्ट में एक क्रिमिनल रिट दाखिल किया था. अमरनाथ पोद्दार ने पटना हाइकोर्ट में एडवोकेट मानस प्रकाश के जरिये क्रिमिनल रिट 6 जनवरी 2021 को फ़ाइल किया था साथ ही अर्जेंट हियरिंग के लिए मेंशन किया था लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इसके बाद अनुराग की मां ने जनवरी महीने में ही एडवोकेट अलख आलोक श्रीवास्तव के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में एक अपील की थी. इस पर 25 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने 2 महीने में पिता की अपील पर सुनवाई पूरी करने का निर्देश पटना हाईकोर्ट को दिया था. तब जाकर यहां इस मामले में सनुवाई शुरू हुई. पहली सुनवाई 12 फरवरी को हुई थी तब राज्य सरकार से 10 मार्च तक इस केस में जवाब मांगा था. मानस प्रकाश इस केस में अमरनाथ पोद्दार के एडवोकेट हैं. मानस प्रकाश के मुताबिक SP और इस केस से जुडे़ पुलिस वालों को मुंगेर से हटाए जाने के साथ ही दो बड़े निर्देश जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की बेंच की तरफ से दिए गए हैं.

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मुंगेर गोलीकांड के बाद बदल दिया गया था SP

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राज्य सरकार ने उस वक्त की SP लिपि सिंह को हटाकर मानवजीत सिंह ढिल्लों को मुंगेर का नया SP बनाया था. इसके बाद अमरनाथ पोद्दार पटना हाईकोर्ट पहुंचे थे. अब इस केस की जांच CID के अधिकारी करेंगे इसके लिए 8 सदस्यों वाली एक SIT बनाई गई है. DSP प्रमोद कुमार राय के नेतृत्व में पूरे मामले की जांच की जाएगी. CID की पूरी जांच अब हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग में होगी इनकी टीम को एक महीने में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने को भी कहा गया है. मानस प्रसाद के अनुसार एडवोकेट जनरल के माध्यम से CID ने अपनी तरफ से 54 प्वाइंट कोर्ट को बताए हैं. सीआईडी इन पर अपनी जांच करेगी. एडवोकेट के अनुसार अपनी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि गोलीकांड में अनुराग की कोई संलिप्तता नहीं थी. इस कारण इसके पिता को 10 लाख का मुआवजा तत्काल दिया जाए. हालांकि पिता ने 5 करोड़ का मुआवजा और पूरे मामले की जांच CBI से कराने की मांग की गई थी.

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