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MLC चुनाव में पंच—सरपंच को भी बनाया जाएगा वोटर, CM नीतीश के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की मुहर

केंद्र राजी, पंच-सरपंच भी बनेंगे वोटर, आयोग की मंजूरी भी तय, राज्य ने केन्द्र सरकार को भेजा था प्रस्ताव, स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव की वोटर लिस्ट में जुड़ेंगे सवा लाख नए नाम, राज्य निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव जल्द : सवा लाख पंंचों और सरपंचों को न्याय मिलने की आस जगी है। राज्य सरकार स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव में पंचों और सरपंचों को भी वोटर बनाने के लिए अब चुनाव आयोग को प्रस्ताव भेजेगी। आयोग की सहमति मिलते ही वर्षों से वोटर बनाने के लिये संघर्ष कर रहे राज्य के सवा लाख पंचों और सरपंचों को न्याय मिलने का रास्ता साफ होगा। इसके पहले राज्य सरकार ने पंचों और सरपंचों को वोटर बनाने के लिए केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था। प्रदेश के पंचायती राज विभाग के सूत्रों के मुताबिक केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय को राज्य सरकार के इस प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं हैं। पर पंंच-सरपंच को वोटर बनाने की कानूनी प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग की सहमति जरुरी है। यह देखते हुए पंचायती राज विभाग ने पंचों और सरपंचों को भी वोटर बनाने के लिए अब प्रदेश के निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव भेजने की कार्रवाई शुरु कर दी है।

अभी ये हैं एमएलसी चुनाव में वोटर
सांसद, विधायक, राज्य सभा व विधान परिषद के सदस्य, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, मुखिया, वार्ड पंचायत सदस्य, नगर निगम सदस्य, नगर परिषद सदस्य, नगर पंचायत सदस्य और कंटोनमेंट बोर्ड के सदस्य। कुल 1.32 लाख।

आयोग को प्रस्ताव भेजा जा रहा
सरकार ग्राम कचहरी सदस्यों को भी स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव में वोटर बनाने को प्रतिबद्ध है। राज्य निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।’ सम्राट चौधरी, मंत्री
2009 से ही कोशिश, तब भी केंद्र को भेजी गई थी सिफारिश

पंच-सरपंच संघ का मुख्य मुद्दा
पंच-सरपंच के राज्यस्तरीय संघ बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ वर्षों से वोटर बनाने के लिये लड़ाई लड़ता रहा है। संघ का तर्क है कि स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव में केवल ग्राम कचहरी के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को ही अब तक वोटर से वंचित रखा गया है। हालांकि बिहार सरकार समेत राज्य के सभी 56 सांसद वर्ष 2009 से ही पंच-सरपंचों को वोटर बनाने के लिये प्रयासरत हैं। तत्कालीन राज्य के मुख्य सचिव अनुप मुखर्जी ने केन्द्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय को पत्र लिख वोटर बनाने का अनुरोध किया था। सवा लाख पंच-संरपंच को वोटर बनाने की ओर तेजी से कदम बढ़ा है।

पंच-सरपंचों को छोड़ कर पंचायती राज संस्थाओं के सभी जनप्रतिनिधियों को स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव में अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार है। राज्य सरकार की पहल से अब उम्मीद जगी है।’ अमोद कुमार निराला, अध्यक्ष, प्रदेश पंच सरपंच संघ

दिसंबर 2013 में भी केंद्र को पत्र
उन्होंने कहा था कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 (भाग 4) की धारा 27 एवं शिड्यूल-4 जो बिहार राज्य के लिए निमित्त है के तहत स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव में ग्राम कचहरी के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों पंच एवं सरपंच को भी शामिल कर वोटर बनाने की अनुमति प्रदान की जाये। फिर दिसंबर 2013 में तत्कालीन पंचायती राज विभाग के सचिव अमृत लाल मीणा ने केन्द्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय को फिर पत्र लिख इस ओर कार्रवाई का आग्रह किया था। पर अब जाकर केन्द्र की तरफ से भी इस ओर गंभीरता से कार्रवाई होती दिख रही है।

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