मुजफ्फरपुर। ऑक्सीजन सिलेंडर पर विभागीय लगाम नहीं होने से बाजार में यह मुंहमांगी कीमत पर बिक रहा है। आम आदमी परेशान है। जिस तरह के मरीज वैसे ही दाम लिए जा रहे हैं। कोरोना का संक्रमण बढऩे से अब होम आइसोलेशन पर रहने वाले लोगों के साथ निजी नर्सिंग होम में भी इसकी मांग बढ़ी है। इसलिए इसकी मनमानी कीमत ली जा रही है। कांटी के मुकेश कुमार ने शिकायत की कि उनके एक स्वजन के लिए घर पर ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए 15 हजार की राशि मांगी। अंत में 10 हजार पर बात बनी। इसके बाद वह मिला।
ब्रह्मपुरा थाने में पहुुंचा मामला
समाजसेवी अविनाश तिरंगा ने एक ऑक्सीजन सिलेंडर बेचने वाले से संपर्क किया। उनसे पहले सिलेंडर नहीं होने की बात कही गई। जब वह पूरी कीमत देने को तैयार हुए तो ऑक्सीजन सिलेंडर देने पर दुकानदार राजी हुआ। उन्होंने इसकी शिकायत ब्रह्मïपुरा पुलिस के साथ जिलाधिकारी व सिविल सर्जन से की है।
तीन गुना बढ़ गई मांग
कोरोना संक्रमण में अप्रत्याशित वृद्धि होने से ऑक्सीजन सिलेंडर की डिमांड काफी बढ़ गई है। विगत दो सप्ताह से मरीजों की संख्या बढऩे के साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर की तीन गुना डिमांड बढ़ गई है। जानकारों के अनुसार जिले से पटना के लिए भी प्रतिदिन करीब डेढ़ सौ सिलेंडर भेजे जा रहे हैैं। होम आइसोलेशन में रहने वालों को ऑक्सीजन की जरूरत होने से मांग बढ़ी है। बताते हैैं कि बेला में पाटलिपुत्रा और एसबीजी एयर प्रोडक्ट््स नामक दो कंपनियां ऑक्सीजन बनाती हंै। कोरोना के चलते मांग को लेकर इन कंपनियों के सामने उत्पादन कम पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार मार्च में 50 से 60 सिलेंडर का ऑर्डर मिलता था जो अब डेढ़ से दो सौ के करीब पहुंच गया है। जिले के साथ दूसरी जगहों से भी मांग हो रही है।
एसकेएमसीएच में ढाई सौ सिलेंडर की प्रतिदिन जरूरत
एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ.बीएस झा ने बताया कि कोरोना वार्ड से लेकर एमसीएच, पीकू समेत सभी जगहों पर ऑक्सीजन की सप्लाई पाइप से की जाती है। इसमें प्रतिदिन करीब ढाई सौ सिलेंडर की आवश्यकता होती है। आउटसोर्सिंग से सिलेंडर मंगाए जाते हैैं। उनके यहां पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन है। इधर सरकार की ओर से संंचालित सदातपुर स्थित ग्लोकल अस्पताल में 15 ऑक्सीजन सिलेंडर रिजर्व में रखे गए हैं। इस अस्पताल में अभी एक भी मरीज भर्ती नहीं है।
प्रसाद अस्पताल के पास अपना प्लांट
ब्रह्मïपुरा स्थित प्रसाद हॉस्पिटल के प्रबंधक अमर कुमार ने बताया कि अस्पताल का अपना ऑक्सीजन का प्लांट है। निदेशक वरीय हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ.उपेंद्र प्रसाद का बताया कि अपना ऑक्सीजन प्लांट होने से बाहर से इसकी आपूर्ति नहीं ली जाती। ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। जितनी चाहिए उतना उत्पादन हो रहा है।
संक्रमण बढ़ते दाम में आया उछाल
– पहले 300 से 500 वाले ऑक्सीमीटर अब 1500 से 1800 के बीच बिक रहे।
– कोरोना संक्रमण से पहले 15 लीटर वाला सिलेंडर पांच से साढ़े पांच हजार तक में मिलता था। अभी उसकी कीमत छह से 10 हजार तक वसूली जा रही है।
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इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी ने कहा कि ऑक्सीजन, दवा व इलाज पर पूरी नजर रखी जा रही है। कीमत की जानकारी के लिए ड्रग इंस्पेक्टर के साथ बैठक कर उसे सार्वजनिक किया जाएगा। आम आदमी से अपील है कि अगर कोई शिकायत है तो बताएं। उसका निदान होगा।
Input: JNN