बिहार के मधुबनी में एक बेटे ने अपने पिता की अंतिम इच्छा पूरी करते हुए गांव में पुलिया का निर्माण कराया है. दुनिया को अलविदा कहने से पहले पिता ने ख्वाहिश जताई थी कि श्राद्ध के रुपये बचाकर गांव में पुलिया बनाया जाए. अब इस पहल की आसपास के इलाकों में खूब तारीफ हो रही है.
यह मामला मधुबनी के नारार गांव का है. अरुणाचल प्रदेश में शिक्षक पद से रिटायर होने के बाद महादेव झा गांव आए. यहां आकर उन्होंने गांव की तस्वीर बदलने की कोशिश की और हर नेताओं के दरवाजे पर दस्तक दी. हालांकि किसी ने उनकी नहीं सुनी. मौत से पहले उन्होंने परिजनों को बताया था, मैंने मुखिया को कई बार कहा कि एक पुलिया बना दो ताकि स्थानीय लोगों की जिंदगी सुगम बन जाए. ऐसा नहीं हो पाया. इसलिए मेरे मरने के बाद मेरे श्राद्ध में ज्यादा आडंबर मत करना और उन बचे हुए रुपयों से पुलिया बनवा देना.
महादेव झा की मौत के बाद उनकी पत्नी ने ठान लिया कि उनकी कमाई से पुलिया जरूर बनाएगी. बैंक में रखे हुए रुपये निकालने में दो वर्ष का वक्त लगा और इस दौरान पेंशन की भी रकम आ गई. कुल साढ़े पांच लाख का रकम महादेव झा की पत्नी ने बेटे को दी और बोली वह गांव में एक पुलिया बना दे. इस तरह पुलिया बनाने का रास्ता साफ हो गया.
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