प्रोडक्ट्स बेचने के लिए कंपनियां कई तरह के हथकंडे अपनाती हैं. सुपरस्टार्स को कास्ट करती हैं, कुछ इस तरह के पंच लाइन्स का इस्तेमाल करती हैं जो न चाहते हुए भी आप गुनगुनाने लगते हैं, जैसे- ज़ुबां केसरी. गौरतलब है कि कई बार कंपनियां भूल जाती है कि उनके सिर पर सिर्फ़ प्रोडक्ट के प्रति ही नहीं बल्कि समाज के प्रति भी कुछ ज़िम्मेदारियां हैं.
‘ये क्रीम लगाओ’ तो लड़केवाले पसंद करेंगे. ‘ये सैनिटरी पैड लगाओ तो उछल-कूद सब कर लोगी’, ‘ये डियोड्रेंट लगाओ लड़कियां दौड़ कर आकर चिपकेंगी’ आदि. इस तरह के विज्ञापन समाज के लिए हानिकारक हैं. क्योंकि किसी लड़की की शादी क्रीम लगाने से नहीं होती! दुनियाभर का डिओ लगाने पर भी लड़कियां किसी लड़क पर नहीं चिपकती हैं! फिर भी ऐसे विज्ञापन चलते हैं, लोग ऐसे प्रोडक्ट्स खरीदते हैं.
बॉडी स्प्रे के विज्ञापन में क्या है?
Layer Shot नामक कंपनी बॉडी स्प्रे बनाती है. Adjavis Venture इस बॉडी स्प्रे की पैरेंट कंपनी है. हाल ही में इस कंपनी ने बॉडी स्प्रे का दो ऐसे विज्ञापन निकाला है जिसे देखकर कोई भी समझदार व्यक्ति शर्मिंदा हो जाएगा. एक विज्ञापन में एक लड़का लड़की कमरे में पाए जाते हैं. अचानक चार लड़के कमरे में घुस आते हैं और उनमें से एक कहता है, ‘हे ब्रो, शॉट मारा लगता है.’ इस पर लड़की के साथ बिस्तर पर बैठा लड़का कहता, ‘हां मारा न’. चारों लड़कों में से दूसरा लड़का शर्ट की बाहें मोड़ता हुआ कहता है, ‘अब हमारी बारी’ और बेड के पास रखा बॉडी स्प्रे उठाने चला जाता है.
दूसरे विज्ञापन में चार लड़के एक शॉपिंग मॉल में दिखते हैं और उनके सामने एक लड़की. एक लड़का कहता है, ‘हम चार और ये सिर्फ़ एक.’ दूसरा लड़का कहता है, ‘तो शॉट कौन लेगा?’ लड़की घूमती है और देखती है कि चारों लेयर शॉट की बोतल की तरफ़ देख रहे हैं.
दोनों ही विज्ञापनों में शब्दों के, एक्शन के डबल मीनींग निकलते हैं जिसे कोई भी समझ सकता है. वर्ड प्ले का इतना गंदा उदाहरण देखकर कोई भी असहज महूसस करेगा.
विज्ञापन पर पाबंदी लगाने की मांग
कुछ अलग करने की कोशिश में कॉपीराइटर्स और विज्ञापन बनाने वालों ने सब गुड़ गोबर कर दिया. सोशल मीडिया पर थू-थू होने लगी और लोग कहने लगे कि ये विज्ञापन रेप कल्चर को, सेक्शुअल असॉल्ट जोक्स को नॉर्मलाइज़ कर रहे हैं. आम जनता से लेकर फरहान अख़्तर, ऋचा चड्ढा जैसे सेलेब्स तक ने इस विज्ञापन की निंदा की.
लेयर शॉट के विज्ञापन पर सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
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फरहान अख्तर ने लिखा, ‘कितना घटिया होगा वो दिमाग जिसने ये बॉडी स्प्रे ऐ़ को अप्रूव किया. शर्मनाक’
ऋचा चड्ढा ने लिखा, ‘ये विज्ञापन कोई दुर्घटना नहीं है. किसी ब्रैंड का ऐड Decision Making के कई लेवल्स से गुज़रता है. क्रिएटिव, स्क्रिप्ट, एजेंसी, क्लाइंट, कास्टिंग. क्या सभी को लगता है कि रेप एक जोक है? इस ब्रैंड, इस एजेंसी पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.’
डीसीडब्लू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने लिखा
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने Ad पर लगाई पाबंदी
सोशल मीडिया पर जनता और सेलेब्स के विरोध के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बॉडी स्प्रे के विज्ञापनों पर पाबंदी लगाई. दोनों ही विज्ञापनों को ट्विटर और यूट्यूब से हटाने के निर्देश दिए गए. मंत्रालय के आदेश पर टीवी चैनल ने भी ऐड दिखाना बंद किया. इंग्लैंड vs न्यूज़ीलैंड के मैच के दौरान ये ऐड नेशनल टेलिविज़न पर कई बार दिखाया गया.
एक विज्ञापन बनाना कोई एक आदमी का काम नहीं है, 50-100 लोग लगते हैं. कॉपीराइटर से लेकर एक्टर तक बहुत सारे लोग मिलकर एक टीवी ऐड बनाते हैं. सवाल ये उठता है कि क्या Layer Shot बॉडी स्प्रे Ad बनाने वालों में एक भी इंसान ऐसा नहीं था जिसे इस Ad के कनसेप्ट में छिपे रेप जोक्स न दिखे हों? आपकी राय हमारे लिए कीमती है, इस पूरी घटना पर अपनी राय ज़रूर दें.