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BREAKING; थर-थर कांपी धरती, भूकंप के झटको से हिला देश का ये हिस्सा, दहशत में घरों से बाहर निकले लोग

अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामेंग में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फोर सिस्मोलोजी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.6 मापी गई है। सोमवार को रात नौ बजकर एक मिनट पर लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए जिस कारण लोग डरकर घरों से बाहर आ गए।



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भूकंप आता कैसे है?

पृथ्वी की बाहरी सतह सात प्रमुख और कई छोटी पट्टियों में बंटी होती है. 50 से 100 किलोमीटर तक की मोटाई की ये परतें लगातार घूमती रहती हैं. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा होता है और ये परतें (प्लेटें) इसी लावे पर तैरती रहती हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है, जिसे भूकंप कहते हैं.

भारतीय उपमहाद्वीप को भूकंप के खतरे के लिहाज से सीसमिक जोन 2,3,4,5 जोन में बांटा गया है. पांचवा जोन सबसे ज्यादा खतरे वाला माना जाता है. पश्चिमी और केंद्रीय हिमालय क्षेत्र से जुड़े कश्मीर, पूर्वोत्तर और कच्छ का रण इस क्षेत्र में आते हैं.

घर और आफिस की मजबूती की करवाएं जांच
दिल्ली सरकार ने सभी लोगों के लिए एक सलाह जारी करते हुए कहा कि अपने घर और काम करने वाली जगह की मजबूती की जांच करवाएं। अगर जरूरत पड़े तो स्ट्रक्चरल इंजीनियर से सलाह लें और दरार व अन्य खिामयों को सही करवाएं। दिल्ली सरकार ने अपने परामर्श में कहा, ‘‘जांच कर लें कि आपके घर या ऑफिस के सभी फर्नीचर, जमीन, दीवार व छत से मजबूती के साथ सटे हों या बंधे हों। पहियों वाले फर्नीचर व कोई स्टोरेज उपकरण आदि जमीन पर जहां रखें हों, वहां वो अच्छे तरीके से लॉक किए गए हों।’’ भूकंप में अगर आप फंसे हैं, तो खुद आवाज लगाने की जगह आसपास की चीजों से आवाज करने का प्रयास करें।

इन चीजों से दूर खड़े रहें
यदि आप बाहर हैं तो, खुली जगह पर जाएं और पेड़, साइन बोर्ड, बिल्डिंग, बिजली के तार व खंभों से दूर रहें। दिल्ली सरकार ने अपनी एडवाइजरी में कहा कि आपातकालीन किट जैसे टॉर्च, पॉवर बैंक व चार्जिग केबल, जरूरी दवाइयां, एलर्जी की बीमारी से सम्बंधित जानकारी, थोड़ा बहुत कैश, जरूरी पहचान पत्रों की फोटो कॉपी, अपने ब्लड ग्रुप की जानकारी व एलर्जी संबंधित जानकारी, ऐड किट, पानी का इंतजाम रखें। विशेषज्ञों के मुताबिक यदि भूकंप के दौरान कोई व्यक्ति अंदर हैं तो, ड्रॉप-कवर-होल्ड का अभ्यास करें। किसी मजबूत मेज या बेड के नीचे चले जाएं। एक हाथ अपने सिर पर रखकर उसे सुरिक्षत करें और दूसरे हाथ से फर्निचर को थाम लें। खिड़कियों, बुककेस, बुकशेल्फ, बड़े आकार के शीशे, लटकते हुए पौधे, पंखे और दूसरी भारी चीजों से दूर रहें। भूकंप के झटके रुकने तक अपने आपको इन चीजों से बचाए रखें। जब झटके रुक जाएं, तो अपने घर या स्कूल की इमारत से बाहर निकल कर खुले मैदान की ओर जाएं। दूसरों को धक्का न दें।

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