यूपी के नोएडा में पुलिस ने 80 साल के एक व्यक्ति को नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया है. कथित तौर पर आरोपी पीड़िता के साथ उस समय से ‘डिजिटल रेप’ करता आ रहा था. जब उसकी उम्र महज 10 वर्ष थी. आरोपी की पहचान मौरिस राइडर के रूप में हुई है, जोकि पेशे से एक पेंटर है.
सालों से नाबालिग के साथ यौन शोषण
नाबालिग की शिकायत के आधार पर पुलिस ने उसके खिलाफ IPC की धारा 376 (रेप), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी) और पॉक्सो एक्ट की धारा 5 और 6 के तहत मामला दर्ज किया है. साथ ही इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है. HT की एक रिपोर्ट के मुताबिक एडिशनल डिप्टी पुलिस कमिश्नर रनविजय सिंह ने इस मामले की जानकारी देते हुए कहा, ‘आरोपी का हिमाचल प्रदेश में एक दफ्तर था. वहां काम करने वाले एक कर्मचारी ने 8 साल पहले अपनी बेटी को उसके साथ पढ़ाई के लिए नोएडा भेजा था. 2015 से ही आरोपी नाबालिग का यौन शोषण कर रहा था. आरोपी के खिलाफ ऑडियो-वीडियो मिले हैं.’
Digital Rape क्या होता है?
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‘डिजिटल रेप’…दो शब्दों डिजिट और रेप से मिलकर बना है. डिजिट का मतलब होता है ‘अंक’. अंग्रेजी शब्दकोश के मुताबिक उंगली, अंगूठा, पैर की उंगली, इन शरीर के अंगों को भी डिजिट से संबोधित किया जाता है. मतलब अगर, यौन उत्पीड़न ‘डिजिट’ से किया गया हो तो उसे ‘डिजिटल रेप’ की संज्ञा दी जाती है. ‘डिजिटल रेप’ से जुड़े मामलों में महिला के ‘प्राइवेट पार्ट’ में फिंगर्स का इस्तेमाल किया जाता है.