अगर कोरोना को लेकर अब भी बेपरवाह हैं ताे सावधान हो जाइए। क्योंकि मौत का खतरा अब बढ़ रहा है। पटना में 48 घंटे के अंदर 19 मौत हुई है। इसमें ऐसे लोग शामिल हैं, जो 40 से कम उम्र के हैं। भास्कर आपको बताने जा रहा है किस इलाके में कहां मौत हुई है, जिससे आप भी अलर्ट रहें। मौत का पैगाम लेकर कोरोना कब, किसके लिए आ जाए। इसका कोई अंदाजा नहीं है। ऐसे में कोरोना के प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करें।
डराने वाला है मौत का आंकड़ा
पटना में 48 घंटे में हुई मौत का आंकड़ा डराने वाला है। क्योंकि इसमें ऐसे लोगों की भी जान गई है, जो किसी अन्य बीमारी से पीड़ित नहीं थे। थोड़ी सी लापरवाही भारी पड़ रही है। पटना में AIIMS, NMCH और PMCH में मौत का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार को 10 मौत हुई तो शनिवार को 9 लोगों की जान गई है।
AIIMS में दो दिनों में मौत का यह है हाल
पटना AIIMS में दो दिनों में 5 मौत हुई है। 9 अप्रैल को यहां 4 मौत हुई है जिसमें 18 साल से 40 साल तक के लोग शामिल है। मधेपुरा के आलमनगर थाना क्षेत्र के आलम नगर निवासी 18 साल के गौरव कुमार की मौत हुई है। गौरव को कोई और बीमारी नहीं थी मौत का कारण कोरोना बना। पटना के शास्त्री नगर के पटेल नगर के रहने वाली 26 साल की प्रियंका कुमारी की कोरोना से पटना AIIMS में इलाज के दौरान मौत हो गई है।
करपही अनुआ अरवल के रहने वाले 37 साल के राकेश कुमार की मौत भी 9 अप्रैल को पटना AIIMS में इलाज के दौरान हो गई। फतेपुर अरवल के रहने वाले 40 साल के सुनील कुमार की मौत भी पटना AIIMS में इलाज के दौरान हो गई। शनिवार को दुमका झारखंड के रहने वाले 52 साल के राज कुमार साह की पटना AIIMS में इलाज के दौरान मौत हो गई।
NMCH में दो दिन में अप्रैल को 7 मौत
NMCH में दो दिनों में 7 मौत हुई है। 9 अप्रैल को NMCH में इलाज के दौरान नालंदा की रहने वाली 34 साल की गुड़िया देवी की मौत हुई है। गया के किजसरात के रहने वाले 11 साल के आर्यन कुमार की मौत हो गई। यह मौत काफी डराने वाली है। क्योंकि यह साल के सबसे कम उम्र के संक्रमित की मौत है। खगौल के लोकी कॉलोनी निवासी 32 साल के समीर कुमार की भी मौत NMCH में इलाज के दौरान 9 अप्रैल को हो गई थी। मधुबनी के रहने वाले 65 साल के इंद्र नरायन यादव की भी 9 अप्रैल को इलाज के दौरान मौत हो गई है।
पटना जंक्शन पर तैनात एक TTE की मौत भी 9 अप्रैल को हो गई। मौत का सिलसिला 10 अप्रैल को भी नहीं थमा। इस दिन भोजपुर के रहने वाले 46 साल के जितेंद्र शर्मा की इलाज के दौरान मौत हो गई। अरवल करपी के रहने वाली 50 साल की राम दुलारी देवी की भी मौत इलाज के दौरान 10 अप्रैल करो हो गई। पटना के फुलवारी के रहने वाले 60 साल के अब्दुल हसरत की मौत भी NMCH में इलाज के दौरान हो गई।
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PMCH में भी नहीं थम रहा मौत का कहर, दो दिनों में 7 मौत
PMCH में भी मौत का कहर नहीं थम रहा है। दो दिनों में यहां 7 संक्रमितों की जान जा चुकी है। 9 अप्रैल को PMCH में इलाज के दौरान दो संक्रमितों की मौत हुई जिसमें एक पटना की महिला शामिल है। 10 अप्रैल को 5 संक्रमितों की जान इलाज के दौरान चली गई है। सुखपुर सुपौल के रहने वाले 75 साल के जोगेश्वर चौधरी की इलाज के दौरान मौत हुई है।
पाटलिपुत्रा घोसी टोल पटना के रहने वाले 49 साल के गुपेश्वर प्रसाद की भी मौत इलाज के दौरान हो गई है। भोजपुर आनंद नगर के रहने वाली 65 साल की कौशल्या देवी की भी मौत PMCH में इलाज के दौरान हो गई है। बक्सर के बागेनगोला के रहने वाले 36 साल के बिनोद गुप्ता की भी मौत इलाज के दौरान PMCH में हो गई है। कई अन्य मरीजों की जान मुश्किल में है। इलाज चल रहा है लेकिन हालत में सुधार नहीं है।
बेड फुल, ट्रांसफर किए जा रहे हैं मरीज
पटना में कोरोना के मरीजों का बेड फुल हो रहा है। सरकारी के साथ प्राइवेट अस्पतालों में भी हाल बेहाल हो रहा है। शनिवार को प्रदेश में संक्रमितों का आंकड़ा जिस तरह से तेजी से बढ़ा है ऐसे में अब आने वाले दिनों में और समस्या हो सकती है। बेडों की संख्या बढ़ाने को लेकर काम किया जा रहा है। पटना एम्स से मरीजों को अब ESIC हॉस्पिटल में ट्रांसफर किया जा रहा है। पटना में मरीजों की भीड़ बढ़ने के बाद नई व्यवस्था की गई है। शनिवार को एम्स से 3 मरीजों को यहां भेजा गया है। पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह का कहना है कि संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए अस्पतालों के साथ बेडों की संख्या बढ़ाई जा रही है। पटना में इसकी लगातार निगरानी की जा रही है।
Input: Bhaskar