साल 2022 में बेरोजगारों के मुकाबले नौकरी करने वालों ने ज्यादा आत्महत्या की है. इसमें वो भी शामिल हैं जो सेल्फ एम्पलॉयड हैं. दिहाड़ी पर काम करने वालों ने सबसे ज्यादा आत्महत्या की है. ये आंकड़े NCRB ने जारी किए हैं. रिपोर्ट से पता चलता है, आत्महत्या करने वाले लगभग 26% पीड़ित दिहाड़ी पर काम करने वाले थे और कुल आत्महत्या से होने वाली मौतों में उनकी हिस्सेदारी और संख्या दोनों कम से कम पिछले पांच वर्षों में लगातार बढ़ी है.
क्या कहते हैं आंकड़े?
NCRB के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल 1.71 लाख लोगों ने आत्महत्या की. ये 2021 की तुलना में 4.2% की वृद्धि है. 2018 की तुलना में 27% की बढ़ोतरी दर्ज की गई. डेटा यह भी दर्शाता है कि प्रति व्यक्ति आत्महत्या की दर लाख आबादी पांच साल पहले 10.2 की तुलना में 2022 में बढ़कर 12.4 हो गई है. आधे से अधिक मौतों के लिए पारिवारिक समस्याएं और बीमारियां आत्महत्या का मुख्य कारण बनी हुई हैं. 9.3 प्रतिशत आत्महत्याओं का कारण प्रेम प्रसंग और विवाह संबंधी मुद्दे थे.
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रिपोर्ट से पता चलता है कि आत्महत्या के आधे से अधिक मामलों में लोगों ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त की. इसके बाद अन्य तरीकों से आत्महत्या की, जिसमें जहर खाना शामिल है.